आमतौर पर पुरुष सोचते हैं कि हम बहुत स्वस्थ हैं। वे अक्सर कहते हैं कि हमें न कमज़ोरी लगती है, न थकान, न बुखार, न सर्दी-खाँसी, हम हर तरह से स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं। फिर हम कोई जाँच क्यों करवाते हैं?
अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। हृदय, यकृत, मधुमेह, कैंसर जैसी बीमारियाँ सालों पहले शरीर में प्रवेश कर जाती हैं, लेकिन बाहर से पता नहीं चलता।
इसलिए अगर आप हर साल कुछ जाँच करवाएँ, तो बीमारी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाएगा और उसका समय पर और सही इलाज हो सकेगा। आप बाहर से भले ही स्वस्थ दिखें, लेकिन 25 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को ये पाँच जाँचें करवानी ज़रूरी हैं।
ये 5 जाँचें जो हर पुरुष को करवानी चाहिए
1. हृदय रोग के लिए रक्त परीक्षण – जब किसी को हृदय रोग होता है, तो सालों पहले ही रक्त में इसका पता लगाया जा सकता है। इसके लिए लिपिड प्रोफ़ाइल परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण से पता चलता है कि आपकी रक्त वाहिकाओं में ख़राब कोलेस्ट्रॉल जमा तो नहीं हो रहा है।
अगर यह कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में जमा होने लगे, तो हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाएगा, जिससे हृदय संबंधी कई बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए हर साल लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाएँ।
2. शुगर टेस्ट – भारत में 10 करोड़ से ज़्यादा लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। लेकिन इस बीमारी का पता नहीं चलता। शुगर या डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में कई बीमारियों के होने का ख़तरा बढ़ा देती है।
इसलिए अगर आप हर साल शुगर टेस्ट करवाते हैं, तो आप इस बीमारी से बच सकते हैं। क्योंकि जैसे ही ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। अगर यह बढ़ना शुरू हो गया है, तो डॉक्टर की सलाह से इसे बीमारी में बिल्कुल न बदलें।
3. प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट – हर 8 में से 1 पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा होता है। अगर इस बीमारी का पता चल जाए, तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसलिए 35-40 की उम्र के बाद हर पुरुष को एक बार यह टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए।
4. टेस्टिकुलर टेस्ट – क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, आजकल 15 साल की उम्र से ही पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर होने लगा है। इसलिए अगर आप हर साल एक बार डॉक्टर से मिलें, तो आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
वृषण कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे 95 प्रतिशत लोग ठीक हो जाते हैं। इसलिए हर साल एक बार डॉक्टर से इसकी जाँच करवानी चाहिए।
5. कोलन कैंसर टेस्ट – अगर मल त्याग में कोई समस्या हो, भले ही पुरुष 20 साल का ही क्यों न हो, तो उसे कोलन कैंसर टेस्ट करवाना चाहिए। अगर कोई समस्या न हो, तो 45 साल की उम्र के बाद हर साल एक बार कोलन कैंसर टेस्ट करवाना चाहिए। इसके लिए कोलोनोस्कोपी की जाती है।
यह जाँच साल में एक बार करवानी चाहिए।
कुछ जाँचें ऐसी हैं जो कोई भी पुरुष खुद कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर त्वचा पर कहीं भी तिल के रंग में बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ। इसी तरह, हर पुरुष को महीने में एक बार रक्तचाप की जाँच करवानी चाहिए। अंडकोष में कठोरता होने पर भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसी तरह, थायरॉइड और विटामिन डी की जाँच साल में एक बार करवानी चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
