प्रकृति में कई पेड़-पौधे पाए जाते हैं जो धर्म और आयुर्वेद दोनों में बहुत उपयोगी हैं। ऐसा ही एक पौधा है गुंजा। यह बहुत ही फलदायी पौधा है। गुंजा के बीजों का उपयोग कई आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने में किया जाता है। गुंजा को रत्ती भी कहा जाता है। इसके कई धार्मिक महत्व भी हैं।
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांडन ने बताया कि गुंजा के बीज माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय हैं। इसलिए इसका उपयोग धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
इसी प्रकार, गुंजा माला धारण करने से आर्थिक सफलता मिलती है। गुंजा की माला का उपयोग बुरी आत्माओं को दूर भगाने, काला जादू दूर करने, सुख-समृद्धि लाने और अनिष्ट से बचाव के लिए भी किया जाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक नरेंद्र कुमार ने बताया कि इसका उपयोग वात-पित्त-कफ को संतुलित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह श्वसन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। गुंजा के तेल का उपयोग बालों के झड़ने और सफेद होने से रोकने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह गठिया और त्वचा रोगों में भी उपयोगी है।
गुंजा के बीज के औषधीय लाभ
आयुर्वेदिक चिकित्सक नरेंद्र कुमार ने बताया कि गुंजा एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है, जिसे लाल गुंजा और सफेद गुंजा के नाम से जाना जाता है। गुंजा के बीज का लेप लगाने से खुजली, फोड़े-फुंसी और त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं में लाभ होता है।
इसके अलावा, इसके बीजों का तेल या लेप बालों पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और नए बाल उगने लगते हैं। गुंजा के बीजों का तेल लगाने से गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इससे मानसिक तनाव कम करने में मदद मिलती है।
इसके अलावा, घाव पर गुंजा के बीजों का लेप लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। इसके अलावा, गुंजा के बीजों का उपयोग बारूद रोधी औषधि बनाने में भी किया जाता है। गुंजा के बीज आँखों की समस्याओं को दूर करते हैं। गुंजा की जड़ को पानी में घिसकर आँखों में डालने से आँखों के आगे अंधेरा छाना, रतौंधी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।