स्वास्थ्य: मनुष्य चाहे कितनी भी तरक्की कर ले, विज्ञान आज भी प्रकृति की तकनीक के आगे नतमस्तक है। वर्षों की कड़ी मेहनत के बावजूद, शोधकर्ता मानव शरीर को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। हर अध्ययन कोई न कोई नया रहस्य उजागर करता है। खास बात यह है कि हमारे शरीर का हर अंग एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, जब मस्तिष्क कोई संकेत देता है, तो हाथ-पैर काम करते हैं और अगर कहीं चोट लग जाए, तो आँखों से आँसू आ जाते हैं।
नेचर न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन ने मस्तिष्क और गुर्दे के बीच एक आश्चर्यजनक संबंध का खुलासा किया है। चीन के वुहान में किए गए इस शोध में पाया गया कि गुर्दे की कमज़ोरी पार्किंसंस जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि मस्तिष्क शरीर का ‘ऊपरी तल’ होता है और गुर्दे ‘निचला तल’, लेकिन शोध कहता है कि जब गुर्दे में जमा हानिकारक प्रोटीन – अल्फा-सिन्यूक्लिन – ठीक से फ़िल्टर नहीं होता, तो यह रक्त के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँच जाता है और उसकी कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है। अध्ययन के अनुसार, जिन पार्किंसंस रोगियों की जाँच की गई, उनमें से 90% के गुर्दे में यह प्रोटीन पाया गया। जिन लोगों के गुर्दे स्वस्थ थे, उनके शरीर से यह ज़हर निकल गया। लेकिन जिन लोगों के गुर्दे कमज़ोर थे, उनमें यह मस्तिष्क तक पहुँच गया और नुकसान पहुँचाने लगा। –शोध में चेतावनी दी गई है कि अगर दुनिया भर में अनुमानित 85 करोड़ किडनी रोगियों का समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में पार्किंसंस रोगियों की संख्या 25 लाख से ज़्यादा हो सकती है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ये आदतें अपनाएँ:
नियमित व्यायाम करें और वज़न नियंत्रण में रखें
धूम्रपान से बचें और खूब पानी पिएँ
जंक फ़ूड और दर्द निवारक दवाओं का सेवन सीमित करें
नीम के पत्तों का रस (सुबह) और पीपल के पत्तों का रस (शाम) लें
गुर्दे की पथरी में लाभकारी देशी उपचार:
कुलथ दाल या उसका पानी
मक्के के रेशों का काढ़ा
जौ का आटा
पत्थर के पत्ते
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।