पैरासिटामोल का इस्तेमाल आजकल आम हो गया है। सिरदर्द, बुखार या हल्के दर्द के लिए लोग अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन कर लेते हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि पैरासिटामोल बुजुर्गों के गुर्दे और हृदय पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में, आइए जानते हैं कि यह दवा शरीर के अंगों पर किस तरह बुरा असर डालती है और इससे बचने के क्या उपाय हैं। पैरासिटामोल एक ऐसी दवा है जो शरीर के दर्द और बुखार को कम करती है।
यह मस्तिष्क में उन रसायनों के प्रभाव को कम करती है जो दर्द और बुखार का कारण बनते हैं। यह आमतौर पर हल्के से मध्यम दर्द, बुखार, माइग्रेन और गठिया के लिए दी जाती है। हालाँकि, इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। इस दवा का अधिक मात्रा में या लंबे समय तक सेवन शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है।
पाचन तंत्र और गुर्दों पर प्रभाव ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में दिखाया है कि पैरासिटामोल का अत्यधिक या लंबे समय तक सेवन पाचन तंत्र और गुर्दों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। पैरासिटामोल का सेवन, खासकर बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से पेट के अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे पेट को नुकसान पहुँचता है और पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, यह दवा गुर्दों पर भी असर डालती है।
गुर्दे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, लेकिन पैरासिटामोल का लगातार सेवन गुर्दों पर दबाव डाल सकता है। यह हृदय पर भी असर डालता है अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पैरासिटामोल का प्रभाव केवल पाचन तंत्र और गुर्दों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हृदय पर भी पड़ता है।
बुजुर्गों में पैरासिटामोल के लगातार इस्तेमाल से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। यह रक्तचाप को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है। यह दवा उन लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक हो सकती है जिन्हें पहले से ही हृदय संबंधी समस्या है। -ka-v-r-t-rak-shan-karav”>कैसे करें बचाव?
- डॉक्टर की सलाह के बिना पैरासिटामोल न लें।
- लंबे समय तक लगातार पैरासिटामोल दवा लेने से बचें।
- अगर दर्द या बुखार बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- स्वस्थ आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, जिससे दवा की ज़रूरत कम होगी।