अगर आपके शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझ लीजिए आप भी डिप्रेशन में हैं, ये लक्षण दिखें तो तुरंत हो जाएं सतर्क…

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  • प्रियजनों से बात करें, अकेले न रहें
  • योग, ध्यान और नियमित व्यायाम करें
  • स्वस्थ आहार लें और नींद का ध्यान रखें
  • ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लें

अवसाद एक ऐसी बीमारी है जो दिखाई नहीं देती, लेकिन आपको अंदर से तोड़ देती है। अगर आप या आपका कोई करीबी ऊपर बताए गए लक्षणों का सामना कर रहा है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। समय पर मदद मिलना न केवल ज़रूरी है, बल्कि ज़िंदगी को पटरी पर लाने का पहला कदम भी है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

अवसाद के लक्षण: क्या आपको कभी ऐसा लगता है कि सबके साथ होते हुए भी आप अकेले हैं? या फिर बिना किसी ख़ास वजह के आपका मन भारी हो जाता है, कुछ भी अच्छा नहीं लगता और सब कुछ बोझ सा लगता है? अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो इस पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। अवसाद एक गंभीर मानसिक स्थिति है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की सोच, व्यवहार और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो समय रहते इससे निपटा जा सकता है।

हर समय उदास और निराश महसूस करना व्यक्ति को हमेशा ऐसा लगता है कि अब कोई उम्मीद नहीं बची है। अब उसे वह काम करने का मन नहीं करता जो उसे पहले खुशी देता था। नींद संबंधी समस्याएँ कुछ लोग ज़्यादा सोते हैं, जबकि कुछ कम। बार-बार अनिद्रा भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
भूख और वज़न में बदलाव कभी-कभी भूख पूरी तरह से खत्म हो जाती है, और कभी-कभी ज़्यादा खाने की इच्छा होती है, जिससे वज़न तेज़ी से घट या बढ़ सकता है।
खुद को बेकार समझना अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति हर चीज़ के लिए खुद को दोषी ठहराने लगता है और खुद को बेकार समझने लगता है।
एकाग्रता की कमी छोटी-छोटी बातें भी भारी लगने लगती हैं। पढ़ाई, काम या बातचीत करना मुश्किल हो जाता है।
एकांत चुनना अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति लोगों से दूर रहने लगता है, न तो दोस्तों से मिलना चाहता है और न ही परिवार से बात करना चाहता है। अवसाद की स्थिति में क्या करना चाहिए?
  • प्रियजनों से बात करें, अकेले न रहें
  • योग, ध्यान और नियमित व्यायाम करें
  • स्वस्थ आहार लें और नींद का ध्यान रखें
  • ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लें

अवसाद एक ऐसी बीमारी है जो दिखाई नहीं देती, लेकिन आपको अंदर से तोड़ देती है। अगर आप या आपका कोई करीबी ऊपर बताए गए लक्षणों का सामना कर रहा है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। समय पर मदद मिलना न केवल ज़रूरी है, बल्कि ज़िंदगी को पटरी पर लाने का पहला कदम भी है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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