अध्ययन में बड़ा खुलासा; अनजाने में इस खाने के जरिए खा रहे हैं प्लास्टिक, लिवर की बीमारी का खतरा दोगुना हो जाएगा…

WhatsApp Group Join Now

आजकल प्लास्टिक का इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया है। खाने की पैकिंग से लेकर कैरी बैग तक, हम रोज़ाना प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। खाने में बहुत छोटे प्लास्टिक कण हो सकते हैं, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक कहा जाता है।

एक अध्ययन में पाया गया है कि ये छोटे प्लास्टिक कण शरीर के ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं और लीवर को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

पुरुषों के लिए चेतावनी
कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस की पीएचडी छात्रा एमी पार्कहर्स्ट द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि पॉलीस्टाइरीन नैनोप्लास्टिक खाने से शरीर में ग्लूकोज का स्तर बिगड़ सकता है और लिवर की समस्याएँ हो सकती हैं। यह अध्ययन जानवरों पर किया गया था, लेकिन इसके परिणाम मनुष्यों के लिए भी एक चेतावनी हैं।

चूहों पर 12 हफ़्तों तक किया गया अध्ययन

शोधकर्ताओं ने नर चूहों को 12 हफ़्तों तक रोज़ाना एक निश्चित मात्रा में पॉलीस्टाइरीन नैनोप्लास्टिक दिया और उनके स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव का अवलोकन किया।

पॉलीस्टाइरीन एक आम प्लास्टिक है जिसका इस्तेमाल अक्सर खाद्य पैकेजिंग में किया जाता है। चूहों को उनके वज़न के अनुसार प्रतिदिन 60 मिलीग्राम नैनो प्लास्टिक दिया गया। परिणाम आश्चर्यजनक थे।

पॉलीस्टाइरीन खिलाए गए चूहों में ग्लूकोज को अवशोषित करने की क्षमता कम हो गई और उनके लीवर में “एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज़” नामक एंजाइम का स्तर बढ़ गया, जो लीवर की क्षति का संकेत है।

आंतों के रिसाव का खतरा

अध्ययन में चूहों की आंतों में रिसाव और लीवर की क्षति भी पाई गई, जिसके कारण रक्त में एंडोटॉक्सिन नामक हानिकारक पदार्थ का स्तर बढ़ गया। यह पदार्थ लीवर को और नुकसान पहुँचा सकता है।

इसका खतरा क्या है? माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक?

माइक्रोप्लास्टिक (5 मिलीमीटर से छोटे) और नैनोप्लास्टिक (100 नैनोमीटर से छोटे) कण हमारे भोजन, खासकर समुद्री भोजन और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में पाए जा सकते हैं। कुछ अनुमान बताते हैं कि एक व्यक्ति एक वर्ष में लगभग 40,000 से 10 लाख माइक्रोप्लास्टिक कण निगल सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment