यूरिक एसिड: यूरिक एसिड की समस्या आजकल आम है, खासकर उन लोगों में जो उच्च प्रोटीन वाला आहार खाते हैं या ज़्यादातर गतिहीन जीवनशैली जीते हैं। यह शरीर में प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पाद है, जो अधिक मात्रा में जमा होने पर क्रिस्टल बना सकता है और जोड़ों को अकड़ सकता है।
इसका असर घुटनों, टखनों और उंगलियों के जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न के रूप में दिखाई देता है। कभी-कभी स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति चलने-फिरने में भी असमर्थ हो जाता है।
स्वामी रामदेव कहते हैं कि गोखरू का पानी शरीर में जमा प्यूरीन के क्रिस्टल को घोलकर पेशाब के रास्ते बाहर निकाल सकता है। अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए, तो कुछ ही दिनों में असर दिखने लगता है।
गोखरू क्या है और यह कैसे काम करता है?
गोखरू एक आयुर्वेदिक औषधि है जो अपने मूत्रवर्धक गुणों के लिए जानी जाती है। यह शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही, इसमें मौजूद सूजन-रोधी गुण जोड़ों की सूजन और दर्द को भी कम करते हैं।
एनसीबीआई द्वारा किए गए एक शोध में भी चूहों पर किए गए परीक्षणों में यह साबित हुआ है कि लोबिया का अर्क यूरिक एसिड, रक्त यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में प्रभावी था।
आप इसे कैसे पिएँगे?
गोखरू का सेवन करने के लिए, आप इसके चूर्ण का एक चम्मच पानी में मिलाकर रोज सुबह पी सकते हैं। इसके अलावा, गोखरू की गोलियां भी उपलब्ध हैं, जिनका सेवन डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है।
कुछ ही दिनों में शरीर को आराम महसूस होगा और जोड़ों की समस्या से भी राहत मिलेगी। हालाँकि यह एक आयुर्वेदिक उपाय है, लेकिन कुछ भी नया अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है, खासकर अगर आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
