पेट में ही नहीं, नसों में भी बनती है गैस! जानें इसके लक्षण और डॉक्टर की राय…

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गैस की समस्या आमतौर पर पेट से जुड़ी मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नसों में भी गैस बन सकती है? चिकित्सा की भाषा में इसे एयर एम्बोलिज्म कहते हैं, जो एक गंभीर स्थिति है जिसका तुरंत इलाज ज़रूरी है।

शिराओं में गैस कैसे बनती है?

जब किसी कारणवश शरीर की शिराओं या धमनियों में हवा प्रवेश करती है, तो यह रक्त संचार में बाधा डालती है। यह स्थिति निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:

  • इंजेक्शन या ड्रिप लगाते समय लापरवाही
  • किसी भी सर्जरी के बाद
  • फेफड़ों में गंभीर चोट
  • स्कूबा डाइविंग जैसी उच्च दबाव वाली गतिविधियों के कारण

नसों में गैस के लक्षण –

हाथों और पैरों में सूजन और फूला हुआपन गैस रक्त संचार को बाधित कर सकती है, जिससे हाथों और पैरों में सूजन हो सकती है।

जोड़ों का दर्द नसों में गैस के बुलबुले जोड़ों में दर्द और अकड़न पैदा कर सकते हैं, खासकर घुटनों और अन्य प्रमुख जोड़ों में।

साँस लेने में तकलीफ़ एयर एम्बोलिज़्म फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुँचने से रोक सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ़ या सीने में जकड़न हो सकती है।

त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस) ऑक्सीजन की कमी से होंठ, उंगलियाँ या त्वचा नीली पड़ सकती है, जो एक गंभीर संकेत है।

क्या करें?

यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो इसे हल्के में न लें। यह स्थिति घातक भी हो सकती है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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