सर्वाइकल पेन में ये लक्षण आम, समय पर कराएं इलाज, जानें कारण और इसके उपाय…

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आजकल सर्वाइकल दर्द सभी को परेशान कर रहा है। यह न केवल वृद्धों को, बल्कि युवाओं को भी प्रभावित करता है। ऑफिस में लगातार कुर्सियों पर बैठकर काम करने वाले युवाओं में सर्वाइकल दर्द ज़्यादा आम है।

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द पूरे शरीर को असंतुलित कर सकता है। ऐसे में सर्वाइकल दर्द ने युवाओं का जीना मुश्किल कर दिया है। गर्दन के दर्द को चिकित्सकीय भाषा में ‘सर्वाइकल दर्द’ कहा जाता है।

सर्वाइकल दर्द में ये लक्षण दिखाई देते हैं

शरीर में कई लक्षण पाए जाते हैं, जिनमें सबसे आम है गर्दन का दर्द। यह स्थिति कभी तीव्र होती है तो कभी कम। सर्वाइकल दर्द में गर्दन की स्थिति ऐसी हो जाती है कि एक तरफ से दूसरी तरफ देखना मुश्किल हो जाता है।

गर्दन के दर्द से बाजुओं में भी कमज़ोरी आ जाती है, जिससे रोज़मर्रा के काम करने में दिक्कत होती है और मांसपेशियों में ऐंठन होती है। ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज़ को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, लेकिन आइए जानते हैं सर्वाइकल दर्द क्यों होता है?
मांसपेशियों में खिंचाव, गलत मुद्रा, लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल, पर्याप्त नींद न लेना सर्वाइकल दर्द का कारण बन सकता है, खासकर आईटी पेशेवरों में, जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।

दूसरी ओर, अगर इसके इलाज की बात करें, तो डॉक्टर इसके पीछे का कारण बताते हुए कहते हैं कि सबसे पहले आपको सर्वाइकल दर्द का कारण पता लगाना होगा, क्योंकि कई मामलों में यह अगर दर्द हो रहा है, तो कारण अलग-अलग होते हैं और उसके अनुसार ही इलाज का रास्ता तय किया जाएगा।

अगर बैठने की मुद्रा के कारण सर्वाइकल दर्द हो रहा है, तो मरीज़ को बिना देर किए बैठने की मुद्रा बदल लेनी चाहिए। इससे मरीज़ को आराम मिलेगा।

इसके अलावा, सर्वाइकल दर्द से राहत पाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम आपको सर्वाइकल दर्द से बचने में मदद कर सकता है।

व्यायाम न करने के कारण भी शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो सकता है, लेकिन अगर दर्द गंभीर हो, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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