रोज खाएं ये खट्टा फल, डिप्रेशन और तनाव होगा दूर और शरीर रहेगा स्वस्थ…

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सेब और स्वास्थ्य सेब के बारे में एक मशहूर अंग्रेज़ी कहावत है – “रोज़ाना एक सेब खाने से डॉक्टर दूर रहते हैं।” यानी रोज़ाना एक सेब खाने से सेहतमंद रहा जा सकता है। यह कहावत हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। लेकिन अब एक नए शोध के आधार पर पता चला है कि सेब के अलावा एक और ख़ास फल है, जो हमारी सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद है और ख़ास तौर पर हमारे पाचन तंत्र के लिए फ़ायदेमंद है।

खट्टे फल खाना क्यों ज़रूरी है? अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है एक स्वस्थ आंत, जो भोजन के बेहतर पाचन में मदद करती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने में फ़ायदेमंद है और कुछ पुरानी बीमारियों के ख़तरे को कम करती है। अगर पेट स्वस्थ है, तो इसका सीधा असर दिमाग़ पर पड़ता है। शारीरिक रसायन – जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं – जैसे सेरोटोनिन (90%) और डोपामाइन (50% से ज़्यादा), ज़्यादातर पाचन तंत्र में बनते हैं।

पेट और अच्छे मूड के बीच संबंध हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के 2024 के एक अध्ययन के अनुसार, खट्टे फलों और मूड के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया। इस शोध में 30,000 से ज़्यादा महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि जो महिलाएं नियमित रूप से ज़्यादा खट्टे फल खाती थीं, उनमें उन महिलाओं की तुलना में अवसाद होने की संभावना कम थी जो खट्टे फल नहीं खाती थीं।

रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कौन सा खट्टा फल खाना चाहिए? सभी फलों में से एक खास फल को बेहद ज़रूरी माना गया है। यह फल डिप्रेशन के खतरे को 20% तक कम करता है, पाचन तंत्र को मज़बूत रखता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

रोज़ाना एक मध्यम आकार का संतरा खाने से डिप्रेशन का खतरा लगभग 20% तक कम हो सकता है। यह प्रभाव केवल खट्टे फलों में ही देखा गया, जबकि अन्य सब्ज़ियों और फलों में इतने स्पष्ट परिणाम नहीं मिले

इस खट्टे फल के फ़ायदे ज़्यादा खट्टे फल खाने से शरीर में फ़ेकैलिबैक्टीरियम प्रोस्निट्ज़ी नामक एक लाभकारी बैक्टीरिया का स्तर बढ़ जाता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। ये बैक्टीरिया सेरोटोनिन और डोपामाइन को मस्तिष्क तक पहुँचने में भी मदद करते हैं। एक शोध के अनुसार, जो लोग खट्टे फल कम खाते हैं, उनमें अवसाद संबंधी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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