एक चुटकी गुटखा आपकी जान ले सकता है, मुंह में गुटखा जाने के बाद आपके शरीर में क्या होता है?

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आज हमारे देश में गुटखा कई लोगों की आदत बन चुका है। सड़कों पर, गलियों में, दुकानों के पास, आपको हर कदम पर इसके लाल थूक के निशान मिल जाएँगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप इसे मुँह में डालते हैं तो आपके शरीर पर क्या असर होता है?

यह छोटी सी थैली असल में आपके शरीर को अंदर से खोखला कर देती है, कुछ पलों का मज़ा देती है। यह सिर्फ़ मुँह की बात नहीं है, बल्कि पूरे शरीर पर असर डालती है। आइए जानते हैं कि गुटखा आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है।

मुँह में जाते ही इसका असर शुरू हो जाता है।

गुटखा मुँह में डालते ही इसका तीखा और नमकीन स्वाद आपकी जीभ पर फैल जाता है। इसमें मौजूद तंबाकू, चूना और सुपारी आपके मुँह में लार बनाने लगते हैं। यह लार आपके पेट में पहुँचकर शरीर को सचेत करती है।

शुरुआती कुछ पलों में आपको हल्का नशा या ताज़गी महसूस हो सकती है, क्योंकि इसमें निकोटीन होता है। यह निकोटीन आपके दिमाग तक पहुँचता है और आपको कुछ देर के लिए अच्छा महसूस कराता है। लेकिन यही वह पल होता है जब आपका शरीर धीरे-धीरे विषाक्त पदार्थों का शिकार होने लगता है।

पेट और दिल पर बोझ

गुटखा का असर सिर्फ़ मुँह तक ही सीमित नहीं है। जब आप इसे चबाते हैं और इसकी लार निगलते हैं, तो यह आपके पेट में पहुँच जाती है। इसमें मौजूद विषैले तत्व आपके पाचन तंत्र को बिगाड़ने लगते हैं।

पेट में जलन, गैस और कभी-कभी उल्टी भी हो सकती है। ये तत्व आपके खून में मिलकर दिल तक पहुँच जाते हैं। आपका दिल तेज़ी से धड़कने लगता है और आपका रक्तचाप बढ़ जाता है।

जो लोग इसे रोज़ खाते हैं, उनके लिए हृदय रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह छोटी सी आदत आपके शरीर के सबसे नाज़ुक अंगों को नुकसान पहुँचा सकती है।

दांतों और मुँह की स्थिति

गुटखा आपके मुँह का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसके लगातार सेवन से आपके दाँत पीले पड़ सकते हैं और सड़ सकते हैं। सुपारी और चूना आपके मसूड़ों को कमज़ोर कर देते हैं और खून आने का कारण बनते हैं।

सबसे ख़तरनाक बात यह है कि गुटखा मुँह के कैंसर का मुख्य कारण है। आपके गालों के अंदरूनी हिस्से पर छोटे-छोटे घाव बनने लगते हैं, जो धीरे-धीरे बड़े और ख़तरनाक होते जाते हैं। कई बार लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन जब तक सच्चाई सामने आती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

फेफड़े और साँस लेने में तकलीफ़

आप सोच रहे होंगे कि गुटखा मुँह में डाला जाता है, इसका फेफड़ों से क्या लेना-देना? लेकिन सच्चाई यह है कि इसके विषाक्त पदार्थ रक्त के ज़रिए आपके फेफड़ों तक पहुँचते हैं। इससे साँस लेने में तकलीफ़ होती है और खांसी की शिकायत बढ़ जाती है।

जो लोग गुटखा खाने के साथ सिगरेट या बीडी पीते हैं, उनके फेफड़े जल्दी खराब होते हैं। धीरे-धीरे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और शरीर कमज़ोर होने लगता है। यह आदत आपकी साँसें रोक देती है।

मस्तिष्क और तंत्रिकाओं पर प्रभाव

गुटखा में मौजूद निकोटीन आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुँचाता है। शुरुआत में यह आपको तनाव से राहत देता प्रतीत होता है, लेकिन लंबे समय तक इसका सेवन आपकी याददाश्त को कमज़ोर कर सकता है। आप चिड़चिड़े हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं।

यह आपकी नसों पर भी बुरा असर डालता है, जिससे आपके हाथ-पैरों में झुनझुनी या कमज़ोरी महसूस होने लगती है। यह सब इतनी धीमी गति से होता है कि आपको पता ही नहीं चलता कि आपकी सेहत कितनी खराब हो गई है।

बचाव और जागरूकता

गुटखा के नुकसान जानने के बाद सवाल उठता है कि इससे कैसे बचें? यह आसान नहीं है, क्योंकि यह एक लत बन जाती है। लेकिन हिम्मत और परिवार के साथ इसे छोड़ा जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह, स्वच्छ जीवनशैली और छोटे-छोटे कदम आपकी सेहत को फिर से दुरुस्त कर सकते हैं। गुटखा छोड़ना न सिर्फ़ आपके लिए, बल्कि आपके अपनों के लिए भी ज़रूरी है। यह छोटा-सा कदम आपकी ज़िंदगी में एक नया रंग भर सकता है। तो आज से ही सोचिए और इस ज़हर को अलविदा कह दीजिए।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी फ़ैसला लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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