आजकल, अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से ज़्यादातर लोग हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं। लंबे समय तक हाई बीपी रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में ज़्यादातर मरीज़ बीपी के शिकार हैं, ज़्यादातर की खान-पान की आदतें बहुत खराब होती हैं और उनकी जीवनशैली में व्यायाम का नामोनिशान तक नहीं होता।
ऐसे में वे बीपी को नियंत्रित करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीपी को नियंत्रित करने के लिए दवाओं के साथ-साथ डाइट भी ली जा सकती है। आइए जानते हैं उस फल के बारे में, जो बीपी को तुरंत नियंत्रित करेगा।
जामुन
जामुन गहरे नीले रंग का फल है। जामुन में एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम और 0 कैलोरी होती है। ब्लैकबेरी खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं कि ब्लैकबेरी हाई ब्लड प्रेशर कम करने में बहुत फायदेमंद है?
रोज़ाना एक कटोरी ब्लैकबेरी खाने से आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहेगा। ब्लैकबेरी में फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए ब्लैकबेरी खाने से डायबिटीज़ नियंत्रित रहती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
कब खाएं?
अगर कोई भी फल गलत समय पर और गलत तरीके से खाया जाए, तो वह फायदेमंद नहीं, बल्कि नुकसानदायक होता है। ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए रोज़ाना खाने के 2 घंटे बाद 1 कटोरी ब्लैकबेरी खानी चाहिए। ब्लैकबेरी खाने से आपको जल्द ही असर दिखने लगेगा।
कैसे न खाएं?
उच्च रक्तचाप के मरीज़ को कभी भी चाट मसाला या नमक के साथ ब्लैकबेरी नहीं खानी चाहिए। इससे आपको फ़ायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा। बाज़ार से ब्लैकबेरी लाने के बाद उसे पानी से अच्छी तरह धो लें। इसके बाद बिना कुछ मिलाए खा लें।
ब्लैकबेरी किसे नहीं खानी चाहिए?
उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए ब्लैकबेरी खाना बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन निम्न रक्तचाप के रोगियों को ब्लैकबेरी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। निम्न रक्तचाप वाले लोग अगर जामुन खाते हैं, तो उनका रक्तचाप बहुत कम हो जाता है। ऐसे में निम्न रक्तचाप के रोगियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।