कब्ज़ खान-पान की आदतों से जुड़ी कई समस्याओं में से एक है। कब्ज़ तब होता है जब व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई होती है। व्यक्ति घंटों बाथरूम में बैठा रहता है, लेकिन उसका पेट साफ़ नहीं हो पाता।
ऐसी स्थिति में पेट में ऐंठन और दबाव महसूस होता है, और दिन भर पेट फूला हुआ भी महसूस होता है। कब्ज़ होने पर व्यक्ति के लिए न सिर्फ़ ठीक से खाना-पीना मुश्किल हो जाता है, बल्कि उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
शरीर में पानी की कमी, आहार में फाइबर की कमी, सक्रिय जीवनशैली का अभाव और नींद संबंधी समस्याओं के कारण भी कब्ज़ होता है। ऐसे में, यहाँ जानें कि कब्ज़ से राहत पाने के लिए कौन सी चीज़ें कारगर हो सकती हैं।
कब्ज के घरेलू उपाय
दूध और घी
यह घरेलू उपाय कब्ज से राहत दिलाने में रामबाण साबित होता है। रात को सोते समय एक कप गर्म दूध में एक से डेढ़ चम्मच घी मिलाकर पिएँ। घी वाला दूध पीने से कब्ज दूर होती है। यह दूध रेचक का काम करता है और मल को नरम करता है, जिससे पेशाब आसानी से होता है।
दही और अलसी के बीज
दही में आंत के लिए अनुकूल बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन तंत्र को लाभ पहुँचाने का काम करते हैं। वहीं, भांग के बीज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। घुलनशील फाइबर पानी में घुलकर मल को नरम बनाता है। ऐसे में भांग के बीजों को भूनकर दही में मिलाकर खाया जा सकता है।
आंवला जूस
स्वास्थ्यवर्धक आंवला जूस पीने से कब्ज से राहत मिलती है। सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में 30 मिलीलीटर आंवला मिलाकर पीने से कब्ज से राहत मिलती है। आंवला जूस पाचन तंत्र को मज़बूत बनाने का काम करता है।
टमाटर और धनिये का जूस
एक टमाटर को धनिये के गुच्छे के साथ ब्लेंडर में पीस लें। इस तैयार जूस को पीने से कब्ज से राहत मिलती है। आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें थोड़ा चाट मसाला भी डाल सकते हैं। इस हेल्दी ड्रिंक को पीने से पेट साफ़ करने में भी मदद मिलती है।
पर्याप्त पानी पिएं
कब्ज की स्थिति में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद ज़रूरी है। अगर शरीर हाइड्रेटेड नहीं है, तो शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है। सिर्फ़ पानी ही नहीं, बल्कि जूस और नारियल पानी आदि को भी आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।