हर किसी के लिए 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना बेहद ज़रूरी है। यह न सिर्फ़ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फ़ायदेमंद है। लेकिन आजकल ख़राब जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से कई लोग नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
नींद की समस्या: रात में बार-बार जागना एक आम समस्या है। अगर आप कभी-कभी सुबह 2-3 बजे उठ जाते हैं, तो यह सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा हफ़्ते में कई बार हो रहा है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
आधी रात में नींद क्यों टूटती है?
तनाव और अवसाद अगर आप लंबे समय से तनाव या अवसाद से पीड़ित हैं, तो इसकी वजह से आपको सुबह 3 बजे के आसपास नींद आ सकती है। इस दौरान दिमाग़ तेज़ गति से काम करने लगता है, जिससे बार-बार जागने की समस्या हो सकती है।
लिवर की समस्याएँ हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, रात में बार-बार जागना लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर आपकी नींद सुबह 1 से 4 बजे के बीच लगातार बाधित होती है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपका लिवर ठीक से डिटॉक्स नहीं कर पा रहा है। फैटी लिवर की समस्या स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इसे “नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)” कहा जाता है। इस बीमारी में लिवर में वसायुक्त कोशिकाएँ जमा हो जाती हैं, जिससे इसका कार्य प्रभावित होता है और शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं।
किन लोगों को लिवर की समस्या होने का ज़्यादा ख़तरा होता है?
- अधिक वजन (मोटापा) वाले लोग
- प्री-डायबिटीज़ या टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोग
- जिनके ट्राइग्लिसराइड और वसा का स्तर बहुत ज़्यादा है
- उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोग
- लोग थायरॉइड की समस्या से पीड़ित
लिवर को स्वस्थ कैसे रखें?
- अपने आहार में ज़्यादा से ज़्यादा फल, हरी सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल करें।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें।
- शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।
- नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
- सोने से पहले कैफीन या अल्कोहल से बचें।
अगर आपकी नींद अक्सर आधी रात को टूटती है, तो इसे हल्के में न लें। अपनी जीवनशैली में सुधार करें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
