आजकल, बढ़ती उम्र के साथ आने वाली हर बीमारी कम उम्र में ही लोगों को परेशान कर रही है। पहले ज़्यादा उम्र के लोग घुटनों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते थे, लेकिन अब युवाओं के घुटने भी जवाब दे रहे हैं। मुझे भी युवावस्था में ही जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा था। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन घुटनों में ग्रीस की कमी भी एक प्रमुख कारण है।
बढ़ती उम्र, खराब जीवनशैली या खान-पान में गड़बड़ी के कारण घुटनों में ग्रीस की कमी हो सकती है। इससे घुटने के जोड़ों में दर्द और आवाज़ की समस्या हो सकती है। कई बार चलने, बैठने, खड़े होने या सोने में भी दिक्कत होती है। इसके लिए आपको अपने खान-पान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे।
घुटनों की चर्बी बढ़ाने के उपाय
स्वस्थ आहार लें – घुटनों की चर्बी बढ़ाने के लिए, अच्छा खाना शुरू करें। आपको अपने आहार में ऐसी चीज़ें शामिल करनी चाहिए जो आपके घुटनों की चर्बी बढ़ाएँ। अपने आहार में विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। ज़्यादा फल और सब्ज़ियाँ खाएँ।
अपने आहार में रंगीन सब्ज़ियाँ शामिल करें। स्वस्थ वसा, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएँ। अपने आहार में हल्दी, प्याज, लहसुन, ग्रीन टी और बेरीज़ का सेवन करें। बीज और सूखे मेवे शामिल करें।
व्यायाम – अपने जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। घुटनों की चर्बी बढ़ाने वाले कुछ खास व्यायाम करें। इसके लिए स्ट्रेचिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, क्वाड्रिसेप्स, स्क्वैट्स और हील रेज जैसे व्यायाम करें। हाँ, वार्म-अप के बाद व्यायाम करें।
नारियल पानी पिएं – नारियल पानी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। नारियल पानी घुटनों के लिए विशेष रूप से अच्छा माना जाता है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। नारियल पानी पीने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और लचीलापन बढ़ता है। नारियल पानी विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है।
डॉक्टर से सलाह लें – अगर घुटनों में दर्द कम चर्बी के कारण है, तो डॉक्टर से सलाह लें। आप अपने डॉक्टर की सलाह पर कुछ हेल्थ सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। इनमें विटामिन, खनिज, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कोलेजन और अमीनो एसिड सप्लीमेंट शामिल हो सकते हैं। ये घुटने को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
