कई लोगों को पैरों के तलवों में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन अक्सर इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यह जलन कभी-कभी असहनीय हो सकती है और चलने में भी कठिनाई पैदा कर सकती है।
पैरों में जलन न केवल गर्मी के कारण होती है, बल्कि किसी गंभीर बीमारी या पोषण की कमी का संकेत भी हो सकती है। इसलिए, अगर आपके पैरों में अक्सर जलन होती है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और इसका कारण जानने की कोशिश करें।
आइए जानते हैं इसके पीछे के 7 मुख्य कारण-
1. डायबिटिक न्यूरोपैथी
अगर आपको मधुमेह है, तो पैरों में जलन का मुख्य कारण डायबिटिक न्यूरोपैथी हो सकता है। इसमें उच्च रक्त शर्करा तंत्रिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे तलवों में जलन, झुनझुनी और सुन्नता होती है।
2. विटामिन की कमी
विटामिन B12, B6 और फोलिक एसिड की कमी से भी पैरों में सूजन हो सकती है। ये विटामिन तंत्रिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अगर शरीर में इनकी कमी हो जाए, तो पैरों में सूजन के साथ-साथ कमज़ोरी और थकान भी महसूस होती है।
3. पसीना आना और फंगल संक्रमण की समस्या
अत्यधिक पसीना आने या गीले मोज़े पहनने से फंगल संक्रमण हो सकता है, जिससे जलन, खुजली और चकत्ते हो सकते हैं। विशेष रूप से, पैरों में सूजन की समस्या एथलीट फुट नामक संक्रमण में अधिक आम है।
4. तंत्रिका क्षति या न्यूरोपैथी
यदि किसी कारण से आपकी नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो इससे पैरों में जलन भी हो सकती है। तंत्रिका क्षति के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक शराब पीना, चोट लगना, या अन्य बीमारियाँ।
5. थायराइड की समस्या
हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉइड हार्मोन की कमी) शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, जिससे नसों को नुकसान पहुँच सकता है और पैरों में सूजन हो सकती है।
6. रक्त संचार में समस्या
यदि आपके पैरों तक पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है, तो जलन और भारीपन महसूस हो सकता है। यह अक्सर परिधीय धमनी रोग (PAD) जैसी समस्याओं में देखा जाता है।
7. गुर्दे या यकृत से संबंधित समस्याएँ
यदि गुर्दे या यकृत ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे पैरों में सूजन और सूजन हो सकती है।
क्या करें?
अगर आपके पैरों में बार-बार जलन हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। सबसे पहले, किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें और अपनी समस्या की जाँच करवाएँ। इसके अलावा, खूब पानी पिएँ, पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें और नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर और थायरॉइड लेवल की जाँच करवाएँ।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
