आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके लिए लोगों की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और गलत खान-पान ज़िम्मेदार हैं।
गुर्दे की बीमारी भी इन्हीं में से एक है। यह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर की सफाई करता है। अगर इसमें ज़रा सी भी खराबी आ जाए, तो हमारा पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है।
गुर्दे की बीमारी होने पर आपके चेहरे और गर्दन पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। अगर समय रहते इसका पता चल जाए, तो इलाज में मदद मिल सकती है।
आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में –
चेहरे पर सूजन
बता दें कि किडनी की बीमारी का पहला लक्षण चेहरे पर सूजन है। जब किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी नहीं निकाल पाती, तो हमारे शरीर में पानी जमा होने लगता है।
इसका असर सबसे पहले चेहरे पर, खासकर आँखों और गालों के आसपास दिखाई देता है। सुबह के समय चेहरा ज़्यादा सूजा हुआ लगता है। अगर आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
त्वचा के रंग में बदलाव
किडनी फेल होने से चेहरे और गर्दन की त्वचा का रंग और बनावट बदल जाती है। जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, तो चेहरा बेजान और धूसर दिखने लगता है। कुछ लोगों की त्वचा पीली भी दिखने लगती है। गर्दन की त्वचा भी रूखी होने लगती है।
लगातार खुजली
गुर्दे की गंभीर बीमारी में चेहरे और गर्दन पर खुजली एक समस्या बन जाती है। ऐसा तब होता है जब खनिज और गंदगी शरीर से ठीक से बाहर नहीं निकल पाते, फिर त्वचा में जाकर नसों को दबाते हैं और खुजली बढ़ा देते हैं। खुजली से चेहरे पर लाल धब्बे, फुंसियाँ या चकत्ते हो सकते हैं।
गर्दन की नसों में सूजन
गुर्दे की बीमारी में शरीर में अतिरिक्त पानी जमा हो जाता है। इसका असर गर्दन की नसों पर दिखाई देता है। नसें सूज जाती हैं और उभर जाती हैं और गर्दन के किनारों पर साफ़ दिखाई देती हैं। जब हृदय और गुर्दे पर दबाव बढ़ता है, तो यह स्थिति और गंभीर हो जाती है।
काले घेरे
काले घेरे आमतौर पर सामान्य माने जाते हैं, लेकिन ये किडनी की समस्याओं में भी देखे जाते हैं। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती और शरीर में पानी और गंदगी जमा हो जाती है, तो इसका असर आँखों के आसपास दिखाई देता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
