चुकंदर एक ऐसा फल है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। शरीर में खून की कमी होने पर डॉक्टर इसे अपने आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं।
इसका जूस शरीर के लिए एक बेहतरीन डिटॉक्सिफायर है। हालाँकि, इन सभी गुणों के बावजूद, यह सुपरफूड कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि इसका सेवन किन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है?
चुकंदर का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?
गुर्दे की पथरी: चुकंदर फोलेट और मैंगनीज जैसे पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें ऑक्सालेट की भी उच्च मात्रा होती है जो गुर्दे की पथरी के लिए ज़िम्मेदार हो सकता है। खासकर अगर आप गुर्दे की पथरी की समस्या से पीड़ित हैं, तो इसका सेवन भूलकर भी न करें।
निम्न रक्तचाप: चुकंदर का जूस पीने से उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि चुकंदर में नाइट्रेट होता है। नाइट्रेट नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है। लेकिन अगर आपको निम्न रक्तचाप की समस्या है तो भूलकर भी इसका सेवन न करें। निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) वाले लोगों को चुकंदर का सेवन सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
मधुमेह रोगी: चुकंदर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, हालाँकि इसमें मौजूद चीनी की मात्रा अधिक सेवन करने पर रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, मधुमेह रोगियों या जो लोग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना चाहते हैं, उन्हें चुकंदर का सेवन कम करना चाहिए।
आयरन से भरपूर: चुकंदर आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो आमतौर पर आयरन की कमी वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। हालाँकि, हेमोक्रोमैटोसिस जैसी बीमारियों वाले लोगों को बहुत अधिक चुकंदर का सेवन करने से बचना चाहिए।
जठरांत्र संबंधी: चुकंदर कभी-कभी पाचन संबंधी परेशानी पैदा कर सकता है, जिसमें पेट फूलना या गैस शामिल है, खासकर जब इसे अधिक मात्रा में खाया जाए। इसके अतिरिक्त, उच्च फाइबर सामग्री इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या अन्य जठरांत्र संबंधी विकारों वाले व्यक्तियों में लक्षणों को बढ़ा सकती है।
एलर्जी के मरीज़: चुकंदर से एलर्जी हो सकती है, जिससे दाने, खुजली या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं। चुकंदर खाने के बाद एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कब कम खाना चाहिए?
चुकंदर खाने के बाद लाल या गुलाबी रंग का पेशाब और मल आमतौर पर हानिरहित होता है, लेकिन यह ज़्यादा खाने का संकेत हो सकता है। दस्त, मतली या पेट दर्द जैसे लक्षण इस बात का संकेत हैं कि चुकंदर अच्छी तरह से सहन नहीं किया जा सकता।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।