अगर बारिश के मौसम में आपके शरीर में खुजली होती है, तो इन टिप्स को अपनाएं…

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बारिश के मौसम में अक्सर लोगों को त्वचा में खुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, यह जानना सभी के लिए ज़रूरी है कि बारिश के मौसम में खुजली वाली त्वचा पर क्या लगाना चाहिए और क्या नहीं। गर्मियों के बाद, बारिश का मौसम प्रकृति और मनुष्य के लिए ठंडक और ताज़गी लेकर आता है। बारिश का मौसम मन को ठंडक देने से ज़्यादा त्वचा संबंधी समस्याएँ लेकर आता है।

बारिश के दौरान सबसे आम और सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली समस्या शरीर पर खुजली है। चाहे वह पीठ पर हो, हाथ-पैरों पर हो या शरीर के किसी भी हिस्से पर, खुजली सिर्फ़ परेशानी का कारण नहीं होती। बल्कि कभी-कभी त्वचा को ज़्यादा खुजलाने से घाव और संक्रमण हो सकते हैं।
अक्सर देखा जाता है कि त्वचा में खुजली होने पर लोग बाज़ार में मिलने वाले कोई भी पाउडर और क्रीम लगा लेते हैं। लेकिन सभी पाउडर और क्रीम खुजली की समस्या को ठीक करने में मददगार नहीं होते। इन दिनों जब बारिश का मौसम चल रहा है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि बारिश के मौसम में शरीर में खुजली होने पर क्या लगाना चाहिए और क्या नहीं।
बारिश में त्वचा में खुजली क्यों होती है?
बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बहुत बढ़ जाती है। नमी का यह बढ़ा हुआ स्तर त्वचा पर फंगल, बैक्टीरियल और एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है। इससे त्वचा पर फंगल इन्फेक्शन, रैशेज़ और खुजली की समस्या बढ़ जाती है। बारिश के मौसम में मच्छरों, चींटियों और कीड़ों का खतरा ज़्यादा होता है। कीड़ों के काटने से भी त्वचा में खुजली होती है। किन्हें त्वचा में खुजली होने की ज़्यादा संभावना होती है? बारिश के मौसम में खुजली की समस्या बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी को परेशान करती है। लेकिन कुछ लोगों में त्वचा में जलन का खतरा ज़्यादा होता है। इनमें शामिल हैं:
  • जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है।
  • मधुमेह के रोगी।
  • पतली त्वचा वाले बच्चे और बुजुर्ग।
  • बहुत पसीना आने वाले लोग।
  • अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए न रखने वाले लोग।
  • बारिश में भीगने के बाद लंबे समय तक गीले कपड़े पहनना।
खुजली पर क्या लगाना चाहिए?
एंटी-फंगल क्रीम बारिश में खुजली पर एंटी-फंगल क्रीम लगाने से आराम मिलता है। क्लोट्रिमेज़ोल, माइकोनाज़ोल जैसी क्रीम खुजली से राहत दिलाती हैं। कैलामाइन लोशन खुजली वाली त्वचा पर कैलामाइन लोशन लगाना बहुत फायदेमंद होता है। कैलामाइन लोशन त्वचा को ठंडक पहुँचाता है।
इससे खुजली और जलन की समस्या कम होती है। एलोवेरा और नीम साबुन एलोवेरा और नीम साबुन में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। बारिश के मौसम में, जब हवा में नमी ज़्यादा होती है, त्वचा पर एलोवेरा और नीम का साबुन लगाने से खुजली की समस्या कम होती है। एलोवेरा और नीम में मौजूद पोषक तत्व बारिश में त्वचा की जलन को भी कम करते हैं।
खुजली पर क्या नहीं लगाना चाहिए स्टेरॉयड क्रीम:
अगर त्वचा में खुजली हो रही है, तो आपको बाज़ार से खरीदी गई क्रीम लगाने से बचना चाहिए। बाज़ार में उपलब्ध कई क्रीमों में स्टेरॉयड होते हैं। स्टेरॉयड युक्त क्रीम त्वचा को पतला कर सकती हैं और फंगल संक्रमण को बढ़ा सकती हैं।
सुगंधित साबुन: बरसात के मौसम में, बाज़ार में उपलब्ध तेज़ सुगंध वाले साबुन त्वचा पर लगाने से त्वचा रूखी हो सकती है। इससे खुजली की समस्या बढ़ सकती है।
गर्म पानी से नहाना: कई बार लोग बारिश में भीगने के बाद गर्म पानी से नहा लेते हैं। गर्म पानी त्वचा से नमी छीनकर खुजली की समस्या को बढ़ाता है।
टैल्कम पाउडर: बारिश के मौसम में लोग नमी सुखाने के लिए खूब टैल्कम पाउडर लगाते हैं। टैल्कम पाउडर के ज़्यादा इस्तेमाल से त्वचा के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। छाले।
खुजली होने पर डॉक्टर को कब दिखाएँ?
अगर बारिश के मौसम में खुजली की समस्या 5 दिनों से ज़्यादा बनी रहे, तो यह जानलेवा हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलें और त्वचा का इलाज शुरू करें। अगर खुजली के साथ शरीर पर छाले, मवाद या खून भी आ रहा हो, तो घर पर खुद इलाज करने के बजाय डॉक्टर से इलाज करवाएँ।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
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