पेशाब करते समय जलन और दर्द हो तो हो सकता है गर्भाशय में संक्रमण, इन 7 लक्षणों से जानें…

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गर्भाशय महिला के शरीर का वह अंग है, जो शिशु के विकास और उसके ज़रूरी कार्यों के लिए ज़िम्मेदार होता है। इसमें गर्भावस्था के साथ-साथ मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति भी शामिल है। ऐसे में इस हिस्से में संक्रमण एक बेहद गंभीर समस्या है, जिसे किसी भी महिला को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। इसलिए आज हम आपको गर्भाशय संक्रमण के चेतावनी संकेतों के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप सही समय पर डॉक्टर से इलाज शुरू कर सकें और इसके गंभीर परिणामों से बच सकें।

गर्भाशय में संक्रमण कैसे होता है?

गर्भाशय में संक्रमण का सबसे आम कारण असुरक्षित यौन संबंध है, जिससे यौन संचारित रोगों का खतरा होता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गंदे बैक्टीरिया प्रजनन प्रणाली में प्रवेश कर जाते हैं।

जिसके बाद ये गर्भाशय में पहुँचकर संक्रमण का कारण बनते हैं। इसके अलावा, सर्जरी के बाद की जटिलताएँ, प्रसव, गर्भपात, जीवाणु असंतुलन जैसे कारक भी इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। -गर-भ-शयन-च-पन-लक्षन”>गर्भाशय संक्रमण के लक्षण
  • श्रोणि क्षेत्र में दर्द
  • पेशाब करते समय सूजन, दर्द
  • संभोग के दौरान दर्द
  • संभोग के बाद रक्तस्राव
  • भारी मासिक धर्म
  • पीले या हरे रंग का दुर्गंधयुक्त योनि स्राव
गर्भाशय संक्रमण का तत्काल उपचार क्यों आवश्यक है? गर्भाशय संक्रमण का जल्द से जल्द इलाज करवाना ज़रूरी है। अन्यथा, बांझपन और निशान पड़ने का खतरा रहता है। ऐसे में, अगर लक्षण 2-3 दिनों में सामान्य नहीं होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से जाँच करवाएँ।
रोकथाम सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से बचाव हो सकता है, जो गर्भाशय के संक्रमण का प्रमुख कारण है। इसके अलावा, डी एंड सी या प्रसव जैसी प्रक्रियाओं के बाद तुरंत चिकित्सा सहायता लेने से भी संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
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