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कैंसर: क्या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को सिर्फ़ दवाओं से ही नहीं, बल्कि सकारात्मक सोच और प्राकृतिक उपचारों से भी हराया जा सकता है? कई शोध और उपचार बताते हैं कि अगर सही समय पर बीमारी की पहचान हो जाए, तो शरीर खुद ही उस बीमारी को हरा सकता है। -sak-r-t-mak-wa-ch-rasaran-an-s-vat-s-chan-upach-r”>सकारात्मक सोच और स्व-सुझाव चिकित्सा फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक एमिल क्यू की “स्व-सुझाव चिकित्सा” के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन स्वयं से कहता है –
“मैं हर दिन, हर तरह से बेहतर हो रहा हूँ”, तो उसका मन और शरीर उस सकारात्मक संकेत को स्वीकार करते हैं।
गिलोय – एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर
एलोवेरा – कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है
नीम, तुलसी और हल्दी – कैंसर-रोधी और सूजन-रोधी
- शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है
- तनाव कम करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है
- सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है
- कैंसर के कारण और रोकथाम
- मोटापा
- धूम्रपान और शराब
- प्रदूषण और कीटनाशक
- प्रसंस्कृत और तले हुए खाद्य पदार्थ
- अत्यधिक इलेक्ट्रॉनिक विकिरण
दही: इसे खाली पेट खाने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और फैट बर्न होता है। सामान्य कैंसर के प्रकार और आँकड़े पुरुषों में होने वाले प्रमुख कैंसर
- ग्रासनली – 13.6%
- फेफड़े – 10.9%
- पेट – 8.7%
- स्तन कैंसर – 14.5%
- गर्भाशय ग्रीवा – 12.2%
- पित्ताशय – 7.1%
- 70% मामलों का पता देर से चलता है
- अगर जल्दी पता चल जाए तो 80% मरीज़ पूरी तरह ठीक हो सकते हैं
- हर कश आपकी ज़िंदगी 11 मिनट कम कर देता है
- हर साल दस लाख मौतें सिर्फ़ धूम्रपान के कारण होती हैं
- 90% फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है
- भारत में 12 करोड़ धूम्रपान करने वाले हैं
- प्रतिदिन 30 मिनट से ज़्यादा मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करना
- 8-10 वर्षों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा 200-400% बढ़ जाता है
- भारत में 4 करोड़ से ज़्यादा थायराइड के मरीज़ हैं
- भारत में प्रोस्टेट कैंसर के 42 हज़ार से ज़्यादा मामले हैं
- रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले 15 सालों में मामले दोगुने हो सकते हैं।
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