अगर आपके किशोर बच्चों के चेहरे पर मुंहासे और फुंसियाँ हो रही हैं, तो उनके आहार में बदलाव करना बेहद ज़रूरी है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनके शरीर में कई बदलाव आते हैं।
खासकर 8 से 16 साल के बच्चे जो किशोरावस्था की ओर बढ़ रहे हैं, उन्हें अक्सर मुंहासे होते हैं।
कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ इन मुंहासों के बढ़ने में प्रमुख योगदान देते हैं। आहार विशेषज्ञ मनप्रीत कालरा ने ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी है और बताया है कि मुंहासों को बढ़ने से रोकने के लिए बच्चों को कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खिलाने चाहिए।
किन खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए?
चॉकलेट: अगर बच्चों को मुंहासे हैं, तो उन्हें चॉकलेट नहीं खिलानी चाहिए। ज़्यादा चीनी इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देती है और त्वचा में सूजन पैदा करती है। चॉकलेट की जगह बच्चों को घर में बने मेवों और बीजों से बने लड्डू खिलाए जा सकते हैं।
कोल्ड ड्रिंक्स: कैफीन और चीनी हार्मोन को बिगाड़ते हैं और त्वचा में सीबम के उत्पादन को भी बढ़ा सकते हैं। बच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स की जगह कांजी दी जा सकती है।
मिठाइयाँ: ज़्यादा चीनी इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनती है, जिससे कोलेजन को नुकसान पहुँचता है। बच्चे को चिया सीड्स का हलवा खिलाया जा सकता है।
कॉफ़ी: कॉफ़ी बच्चों के लिए हानिकारक होती है। यह शरीर में पानी की कमी को बढ़ाती है और त्वचा में रूखापन भी पैदा करती है। कॉफ़ी की जगह बच्चों को शांत करने वाली कैमोमाइल चाय दी जा सकती है।
ब्रेड: आहार विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को ब्रेड नहीं खिलाना चाहिए। ब्रेड इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनती है, जिससे तेल का उत्पादन बढ़ता है और मुँहासों की समस्या बढ़ जाती है। ब्रेड की तुलना में बाजरे की रोटी या चावल बेहतर विकल्प हैं।
चिप्स: बच्चों को भी चिप्स खाना बहुत पसंद होता है। लेकिन, चिप्स में नमक की मात्रा ज़्यादा होती है और ज़्यादा चिप्स खाने से पानी जमा हो सकता है और त्वचा में सूजन आ सकती है। चिप्स की जगह भुने हुए मखाने या चने खाए जा सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।