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- तो, आपको बता दें कि ये बैक्टीरिया आमतौर पर मुँहासों का कारण बनते हैं। न्यूनतम अवरोधक गतिविधि और डिस्क डिफ्यूज़न परीक्षण से पता चला है कि लार में इन बैक्टीरिया को रोकने की क्षमता होती है। इसके अलावा, शोध के दौरान पाया गया कि दोपहर में लार सुबह की तुलना में बैक्टीरिया को रोकने में ज़्यादा कारगर थी।
- एनआईएच से अलग, अन्य रिपोर्टें भी बताती हैं कि बासी लार में लाइसोजाइम नामक एक एंजाइम होता है जो बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। इस प्रकार, वासी लार लगाने से मुँहासों को ठीक करने में मदद मिलती है।
- संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को बासी थूक लगाने से खुजली हो सकती है। संवेदनशील त्वचा पर इस नुस्खे का इस्तेमाल न करें।
- लार में भी बैक्टीरिया होते हैं। इसलिए, अगर आप इसे गंदे हाथों से लगाते हैं, तो मुँहासों की समस्या और भी बदतर हो सकती है।
- अगर आपकी त्वचा ज़्यादा रूखी है, तो लार लगाने से यह समस्या और बढ़ सकती है।
- तो, मैं आपको बता दूँ कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि बासी थूक के इस्तेमाल से मुँहासों का पूरी तरह से इलाज हो सकता है।
चेहरे पर मुंहासे होना आम बात है। मुंहासे आपकी खूबसूरती बिगाड़ने का काम करते हैं। ऐसे में चेहरे पर मुंहासे होने के कई कारण होते हैं। मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए लोग महंगे उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये सभी रासायनिक उत्पाद लंबे समय में त्वचा को नुकसान पहुँचाते हैं।
- इस मामले को लेकर NIH द्वारा एक अध्ययन किया गया है। इस शोध में चार लोगों के लार के नमूने लिए गए। शोध से पता चला है कि मानव लार क्यूटीबैक्टीरियम बैक्टीरिया को रोकने में प्रभावी रूप से काम करती है।
- तो, आपको बता दें कि ये बैक्टीरिया आमतौर पर मुँहासों का कारण बनते हैं। न्यूनतम अवरोधक गतिविधि और डिस्क डिफ्यूज़न परीक्षण से पता चला है कि लार में इन बैक्टीरिया को रोकने की क्षमता होती है। इसके अलावा, शोध के दौरान पाया गया कि दोपहर में लार सुबह की तुलना में बैक्टीरिया को रोकने में ज़्यादा कारगर थी।
- एनआईएच से अलग, अन्य रिपोर्टें भी बताती हैं कि बासी लार में लाइसोजाइम नामक एक एंजाइम होता है जो बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। इस प्रकार, वासी लार लगाने से मुँहासों को ठीक करने में मदद मिलती है।
- संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को बासी थूक लगाने से खुजली हो सकती है। संवेदनशील त्वचा पर इस नुस्खे का इस्तेमाल न करें।
- लार में भी बैक्टीरिया होते हैं। इसलिए, अगर आप इसे गंदे हाथों से लगाते हैं, तो मुँहासों की समस्या और भी बदतर हो सकती है।
- अगर आपकी त्वचा ज़्यादा रूखी है, तो लार लगाने से यह समस्या और बढ़ सकती है।
- तो, मैं आपको बता दूँ कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि बासी थूक के इस्तेमाल से मुँहासों का पूरी तरह से इलाज हो सकता है।
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