फैटी लिवर से बचाव के लिए डॉ. सरीन की सलाह; दवा नहीं, सुबह सबसे पहले खाएं ये फल…

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लिवर शरीर में 500 से ज़्यादा काम करता है। इसमें भोजन पचाना, शरीर से अपशिष्ट पदार्थ निकालना, पोषक तत्वों का भंडारण और शरीर को ऊर्जा प्रदान करना जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। लेकिन बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान और बढ़ते तनाव के कारण आजकल लिवर से जुड़ी समस्याएं, खासकर फैटी लिवर की बीमारी, तेज़ी से बढ़ रही है।

पहले यह बीमारी बुज़ुर्गों में ज़्यादा होती थी, लेकिन अब युवा भी बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में, प्रसिद्ध लिवर विशेषज्ञ डॉ. शिवकुमार सारी ने हाल ही में एक यूट्यूब इंटरव्यू में लिवर को स्वस्थ रखने के कुछ आसान और प्राकृतिक तरीके बताए, जो आपके काम आ सकते हैं।

उन्होंने बताया कि दवाओं की बजाय, अगर लोग सही खान-पान और जीवनशैली अपनाएँ, तो वे लंबे समय तक अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं। ऐसे में आपको क्या करना चाहिए? हमें बताएँ।

सुबह खाली पेट सेब खाएं।

डॉ. सरीन के अनुसार, सुबह खाली पेट दो सेब खाने से लिवर की सेहत बेहतर होती है। सेब में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और ज़रूरी विटामिन होते हैं, जो लिवर को डिटॉक्सीफाई करने और फैट जमा होने से रोकने में मदद करते हैं। यह रोज़ाना की आदत लिवर से जुड़ी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकती है।

फैटी लिवर के लक्षणों की पहचान करें

फैटी लिवर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके। डॉ. सरीन बताती हैं कि गर्दन का काला पड़ना और शरीर पर छोटे-छोटे मस्से दिखना इसके लक्षण हो सकते हैं।

कई बार वज़न कम करने के बावजूद फैटी लिवर की समस्या बनी रहती है, इसलिए सिर्फ़ वज़न कम करना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि पूरी जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी है।

इन चीज़ों से बचें

लिवर की सेहत को नुकसान पहुँचाने वाले खाद्य पदार्थों में तले हुए, प्रोसेस्ड और जंक फ़ूड शामिल हैं। इनका सेवन करने से लिवर में फैट जमा हो जाता है और उसकी कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।

इसके अलावा, धूम्रपान और शराब का सेवन धीरे-धीरे लीवर को नुकसान पहुँचाता है, इसलिए इन्हें पूरी तरह से छोड़ देना ही बेहतर है।

कॉफ़ी पीना फ़ायदेमंद हो सकता है।

डॉ. सरीन के अनुसार, कॉफ़ी पीना लिवर के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। शोध से यह भी पता चला है कि कॉफ़ी लिवर की चर्बी कम करने और लिवर से जुड़ी बीमारियों के ख़तरे को कम करने में मदद करती है। हालाँकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

नियमित रूप से व्यायाम करना ज़रूरी है।

रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि, जैसे तेज़ चलना, योग या हल्का व्यायाम, लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार करता है। गतिविधि की कमी से लिवर में चर्बी भी जमा हो जाती है, इसलिए चलते रहें।

समय-समय पर जाँच करवाना न भूलें।

अगर आपको थकान, अपच, पेट में सूजन या आँखों का पीलापन जैसी लिवर से जुड़ी कोई समस्या होने का संदेह है, तो डॉक्टर से जाँच करवाना ज़रूरी है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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