प्रकृति के नियम के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ बुढ़ापा आना स्वाभाविक है। लेकिन अगर शरीर समय से पहले कमज़ोर हो जाए, तो यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। आजकल अनियमित जीवनशैली के कारण कम उम्र में ही कई ज़िद्दी बीमारियाँ हो जाती हैं।
इसका असर न सिर्फ़ शरीर पर पड़ता है, बल्कि यौन जीवन पर भी पड़ता है। कई बार लोग इस समस्या के समाधान के लिए काफ़ी पैसे खर्च करते हैं, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं होता। ऐसे में सिर्फ़ सस्ता पैन ही इस समस्या का समाधान कर सकता है!
इस पत्ते का उपयोग आयुर्वेद में सदियों से किया जाता रहा है।
ग्रामीण भारत में पाए जाने वाले थंकुनी पत्ते (गोटू कोला) के नियमित सेवन से हज़ारों लाभ मिलते हैं। इस पत्ते का उपयोग आयुर्वेद में वर्षों से किया जाता रहा है।
सुबह खाली पेट थंकुनी के 3-4 पत्तों को अच्छी तरह धोकर खाना बहुत फायदेमंद होता है। आप इसे पीसकर गरमा गरम चावल के साथ भी खा सकते हैं।
थंकुनी का पत्ता बुढ़ापे को रोकेगा और जवानी को बरकरार रखेगा
अगर रोज़ाना 5-6 चम्मच थंकुनी के पत्तों का रस दूध में मिलाकर सेवन किया जाए, तो त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है। इसके नियमित सेवन से यौन जीवन भी गर्म और शरीर ऊर्जावान रहता है।
थैंकू के पत्तों के अन्य लाभ:
लिवर को मज़बूत बनाता है – यह पत्ता लिवर को स्वस्थ रखता है और अल्सर, दस्त जैसी पेट की बीमारियों को ठीक करता है।
त्वचा के लिए एगेव – इस पत्ते का रस पीने से काले धब्बे दूर होते हैं और त्वचा में चमक आती है।
याददाश्त बढ़ाता है – नियमित सेवन से याददाश्त मजबूत होती है और तंत्रिका तंत्र की कमजोरी दूर होती है।
दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद – इस पत्ते को पानी में उबालकर कुल्ला करने से सांसों की दुर्गंध और दांत दर्द से राहत मिलती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।