बीमारियों से बचाव का एकमात्र उपाय दवाइयाँ नहीं हैं। इसके कई उपचार विकल्प हैं। कई लोग इलाज के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही औषधि के बारे में जानकारी लेकर आए हैं, जिसे कैंसर का इलाज माना जाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक एम.पी. सिंह यादव कहते हैं कि प्राचीन काल में लोग अपनी बीमारियों का इलाज दवाओं से करते थे। अब लोग कैंसर के लिए भी दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, यह औषधि कैंसर के मरीजों के लिए संजीवनी बूटी से भी ज़्यादा कारगर नहीं है। अगर लोग इसका नियमित सेवन करें, तो उन्हें कैंसर से राहत मिल सकती है।
डॉक्टर ने कैंसर के इलाज के बारे में बताया…
उन्होंने कहा कि हालाँकि भारत में कैंसर एक जानलेवा बीमारी साबित हो रही है, लेकिन इसका इलाज हमारी प्राकृतिक औषधियों और औषधियों से किया जाता है।
पुराने ज़माने में लोग दवाओं से अपना इलाज करते थे, लेकिन अब यह जैविक जड़ी-बूटी कैंसर के मरीजों के लिए जीवन रक्षक औषधि साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कैंसर कोशिकाएँ पाई जाती हैं या वह कैंसर से पीड़ित है, तो उसे प्राकृतिक चिकित्सा की मदद लेनी चाहिए।
कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए तुलसी जीवनरक्षक नहीं है। तुलसी के साथ गंगाजल और काली मिर्च पीसकर नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होता है।
इन चीज़ों का करें सेवन
डॉक्टर ने बताया कि सुबह खाली पेट इन चीज़ों का सेवन बेहद फायदेमंद बताया गया है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने इस उपचार को करने की सलाह दी है।
एमपी सिंह यादव ने यह भी बताया कि सुबह खाली पेट काली मिर्च और गंगाजल लेकर उसे तुलसी के 11 पत्तों के साथ पीस लें और फिर इसे गंगाजल में औषधि की तरह इस्तेमाल करें। नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों में कैंसर कोशिकाएं नियंत्रण में आ जाती हैं। इस बीमारी को धीरे-धीरे खत्म किया जा सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।