नकली अंडे आपकी किडनी-लिवर को बेकार बना रहे हैं, इन ‘नकली अंडों’ की पहचान कैसे करें? पूरी जानकारी यहां पढ़ें…

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हाल ही में, पूरे देश में नकली पनीर का कारोबार तेज़ी से बढ़ रहा है। खाद्य विभाग ने कई जगहों पर छापे मारकर टनों नकली पनीर ज़ब्त किया है।

अब बाज़ार में एक नया खतरा आ गया है – ‘नकली अंडे’। ये ‘नकली अंडे’ दुकानों की अलमारियों की शोभा बढ़ा रहे हैं। लोग इन्हें अनजाने में खरीद रहे हैं, पका रहे हैं और खा रहे हैं, जिससे उनकी सेहत को भारी नुकसान पहुँच रहा है!

ये खतरनाक ‘नकली अंडा’ क्या है?

कैसे पता करें कि आप असली अंडा खरीद रहे हैं या ‘नकली अंडा’? ‘नकली अंडे’ खाने के क्या दुष्प्रभाव हैं? इन्हें कैसे पहचानें? पूरी जानकारी जानें:

‘नकली अंडा’ आखिर क्या होता है?

‘नकली अंडा’ एक प्रकार का कृत्रिम रूप से बनाया गया अंडा होता है। यह देखने में असली अंडे जैसा लगता है, लेकिन असल में यह अंडा नहीं होता। असली अंडों में कई पोषक तत्व होते हैं, जबकि नकली अंडों में सिर्फ़ कृत्रिम रसायन होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं।

‘नकली अंडे’ किससे बने होते हैं?

‘नकली अंडे’ की जर्दी जिलेटिन, सोडियम एल्जिनेट और पीले रंग के खाद्य रंग से बनती है। नकली अंडे का सफ़ेद भाग पैराफिन मोम, जिप्सम पाउडर और कैल्शियम सल्फाइट से बनाया जाता है।

-नकली अंडे खाने से शरीर पर क्या असर पड़ता है?

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, ‘नकली अंडे’ खाने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इसमें मौजूद हानिकारक रसायन पेट दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, दस्त और गैस जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

‘नकली अंडों’ में कैल्शियम एल्जिनेट, जिलेटिन और प्लास्टिक जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो फ़ूड पॉइज़निंग और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन अंडों के सेवन से लिवर और किडनी संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

‘नकली अंडे’ की पहचान कैसे करें?

असली अंडे के छिलके कभी भी पूरी तरह चिकने नहीं होते, उनमें छोटे-छोटे छेद होते हैं। जबकि नकली अंडे के छिलके ज़्यादा सख्त होते हैं और उनमें कोई छेद नहीं होता।

एक कटोरे में पानी भरें और उसमें अंडे डालें। असली अंडा डूब जाएगा, जबकि नकली अंडा पानी में तैरता रहेगा। अंडे को अपने कान के पास लाकर हिलाएँ। अगर असली अंडा पुराना है, तो उसमें से हल्की आवाज़ आएगी। लेकिन ‘नकली अंडे’ को हिलाने पर तेज़ आवाज़ आएगी।

उबालने पर ‘नकली अंडे’ की जर्दी रबड़ जैसी हो जाती है। इसके अलावा, अगर ‘नकली अंडे’ के छिलके जल जाएँ, तो उनमें से प्लास्टिक जैसी गंध आती है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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