भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मधुमेह रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। यह एक लाइलाज बीमारी है जो गलत खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण होती है।
मधुमेह को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका सही खान-पान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
आयुर्वेद रक्त शर्करा और चयापचय संतुलन बनाए रखने के लिए आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह देता है। जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करेंगे।
रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाले खाद्य पदार्थ
मेथी: मधुमेह रोगियों के लिए मेथी का सेवन रामबाण साबित हो सकता है। मेथी में घुलनशील फाइबर होता है जो कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देता है, जिससे भोजन धीरे-धीरे पचता है। जिससे रक्त शर्करा का स्तर तेज़ी से नहीं बढ़ता। मेथी को रात में पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट पिएँ।
आँवला: आँवला विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और अग्न्याशय को मज़बूत बनाने में मदद करता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन सही तरीके से होता है।
यह इंसुलिन उत्पादन में भी सुधार करता है। सुबह आंवले का जूस पीना मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, इसका सेवन पाउडर और सलाद के रूप में भी किया जा सकता है।
करेला: करेले में चारेंटिन और पॉलीपेप्टाइड-पी नामक विशेष यौगिक होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। सुबह खाली पेट इसका जूस पीना मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दालचीनी: मधुमेह रोगियों के लिए भी रामबाण साबित हो सकती है। यह पाचन क्रिया को तेज करती है और इंसुलिन को संवेदनशील बनाती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर जल्दी नियंत्रित होता है। दालचीनी की चाय पीने या इसे पानी में उबालने से आपको इसके लाभ मिल सकते हैं। इसके अलावा, आप इसे अपने भोजन में भी शामिल कर सकते हैं।
हल्दी: आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक यौगिक होता है जो सूजन को कम करता है और इंसुलिन बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में संवेदनशीलता के कारण, सुबह गर्म पानी या दूध में हल्दी मिलाकर पीने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
