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हृदय रोग: हृदय रोग आज दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। हमें अक्सर इसका एहसास तब होता है जब हमारा कोलेस्ट्रॉल या रक्तचाप बढ़ने लगता है। लेकिन ये समस्याएँ दिखने से पहले ही शुरू हो जाती हैं। जी हाँ, एक अध्ययन में पाया गया है कि हृदय रोग का पता चलने से पहले यह वर्षों तक धीरे-धीरे विकसित हो सकता है, और हमारा शरीर हमें इसके संकेत भी देता है।
- थकान और सांस लेने में तकलीफ – सामान्य काम करते हुए भी जल्दी थक जाना या सीढ़ियाँ चढ़ते समय साँस फूलना कमज़ोर दिल का संकेत हो सकता है।
- छाती में हल्का दबाव या बेचैनी – अगर आपको सीने में भारीपन, जलन या दर्द की शिकायत है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
- अनियमित दिल की धड़कन – तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन भी एक चेतावनी हो सकती है।
- पैरों में सूजन – अगर दिल ठीक से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो पैर और टखने सूज सकते हैं।
- अचानक वज़न बढ़ना- थोड़े समय के लिए वज़न बढ़ना हृदय संबंधी विकार का संकेत हो सकता है।
- नियमित व्यायाम- रोज़ाना 30-45 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि, जैसे तेज़ चलना, साइकिल चलाना आदि, हृदय को मज़बूत बनाती है।
- स्वस्थ आहार – ताज़े फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएँ। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और अधिक नमक से बचें।
- तनाव प्रबंधन – योग, ध्यान और गहरी साँस लेने के व्यायाम तनाव कम करते हैं।
- नियमित जाँच – 30 वर्ष की आयु के बाद, अपने कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और शर्करा के स्तर की जाँच करवाते रहें।
- धूम्रपान और शराब से बचें – ये दोनों हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं।
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