संभोग के दौरान स्खलन का समय हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे उम्र, मानसिक स्थिति, शारीरिक स्वास्थ्य, तनाव, जीवनशैली और पिछले अनुभव।
औसत समय:
शोध के अनुसार, अधिकांश पुरुष संभोग के दौरान लिंग प्रवेश के 5 से 7 मिनट के भीतर स्खलित हो जाते हैं। कुछ पुरुष 1-2 मिनट में स्खलित हो जाते हैं (जिसे शीघ्रपतन – पीई कहा जाता है), जबकि अन्य 10-15 मिनट तक स्खलित हो सकते हैं।
स्खलन की अवधि बढ़ाने के तरीके:
ध्यान और श्वास नियंत्रण: मानसिक तनाव को कम करके संभोग की अवधि बढ़ाने में मदद करता है।
स्टॉप-स्टार्ट तकनीक: जब स्खलन होने वाला हो, तो कुछ क्षण रुकें और फिर से शुरू करें।
कीगल व्यायाम: श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत करके, अधिक नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
संतुलित आहार और फिटनेस: अगर शरीर स्वस्थ है, तो सहनशक्ति भी बढ़ेगी।
औसत स्खलन समय:
संभोग शुरू करने के 5-7 मिनट के भीतर स्खलन होना सामान्य माना जाता है। यदि स्खलन 1-2 मिनट के भीतर हो जाए, तो इसे शीघ्रपतन (PE) कहते हैं। कुछ पुरुष 10-15 मिनट तक संभोग जारी रख सकते हैं।
सही समय कौन सा होना चाहिए?
संभोग का समय केवल अवधि पर ही नहीं, बल्कि संतुष्टि और आनंद पर भी निर्भर करता है। महिलाओं को चरमोत्कर्ष तक पहुँचने में औसतन 13-15 मिनट लगते हैं, इसलिए पुरुषों को संभोग के दौरान नियंत्रण बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
संभोग की अवधि बढ़ाने के तरीके:
स्टॉप-स्टार्ट तकनीक: जब स्खलन होने वाला हो, तो कुछ क्षण रुकें और फिर से शुरू करें।
गहरी साँसें लें: मन को शांत रखने से स्खलन में देरी होती है।
कीगल व्यायाम करें: पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करके स्खलन को नियंत्रित किया जा सकता है।
सही मुद्रा चुनें: कुछ मुद्राएँ (जैसे चम्मच मुद्रा) स्खलन को नियंत्रित कर सकती हैं।
स्नेहक का प्रयोग करें: यह संवेदनशीलता को थोड़ा कम कर सकता है और संभोग की अवधि को बढ़ा सकता है।
डॉक्टर से कब परामर्श लेना चाहिए?
यदि स्खलन हमेशा 1-2 मिनट के भीतर हो जाता है और साथी असंतुष्ट रहता है।
यदि मानसिक तनाव, थकान या किसी विशेष कारण से संभोग की अवधि कम हो रही है दवाएँ।
यदि हार्मोनल या तंत्रिका संबंधी समस्याएँ शीघ्रपतन की समस्या का कारण बन रही हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
