अगर आप भी पथरी से बचना चाहते हैं तो इस कुटेव का त्याग करें, जानिए इस कुटेव के क्या दुष्प्रभाव होंगे?

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आजकल की व्यस्त जीवनशैली कई बीमारियों का कारण बनती है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में एक खास समस्या है जो लोगों को ज़्यादा प्रभावित करती है। यह समस्या है पथरी। जिसे स्टोन भी कहते हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए सर्जन धीरज राज ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में पथरी के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और अस्पताल आने वाले कुल मरीजों में से 30 से 40% मरीज पथरी की समस्या से पीड़ित हैं।

पथरी दो प्रकार की होती है।

पथरी दो प्रकार की होती है, गुर्दे की पथरी और पित्ताशय की पथरी। पहाड़ी इलाकों में यह बीमारी कई कारणों से ज़्यादा पाई जाती है। डॉ. धीरज राज के अनुसार, पहाड़ों की ठंडी जलवायु के कारण लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।

दूसरा कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। तीसरा कारण है ज़्यादा चाय और नमक का सेवन, जो शरीर में कैल्शियम और अन्य खनिजों को जमा करके पथरी बनने में मदद करता है। अगर आपको किडनी की कोई समस्या है, तो आपको नींबू पानी नहीं पीना चाहिए। इसमें मौजूद पोषक तत्व किडनी की बीमारी को बढ़ा सकते हैं।

ये सावधानियां ज़रूरी हैं

पथरी की समस्या से बचने के लिए कुछ सावधानियां ज़रूरी हैं। दिन भर पर्याप्त पानी पीना चाहिए ताकि शरीर में तरल पदार्थ की कमी न हो और गुर्दे साफ़ रहें। नमक का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि ज़्यादा नमक शरीर को कैल्शियम सोखने से रोकता है, जिससे पथरी बन सकती है।

कैफीन कम लें

चाय और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का कम सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में अम्लीय प्रतिक्रिया को बढ़ाकर पथरी बनने की संभावना को बढ़ाते हैं। हरी सब्ज़ियों, फलों और साबुत अनाज सहित उच्च फाइबर वाला आहार लेना चाहिए।

दैनिक व्यायाम और शारीरिक गतिविधि ज़रूरी है, ताकि शरीर में जमा अतिरिक्त खनिजों को बाहर निकाला जा सके। इन सावधानियों को अपनाकर पथरी की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

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