भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक आम मसाला मेथी, आयुर्वेद के अनुसार न केवल स्वाद बढ़ाने वाला, बल्कि एक बहुउद्देशीय औषधि भी है।
हाल के वर्षों में, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी इसके गुणों को स्वीकार कर रहा है। मेथी के बीज, खासकर मधुमेह रोगियों के लिए, किसी वरदान से कम नहीं हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए मेथी क्यों फायदेमंद है?
मेथी के बीजों में मौजूद घुलनशील फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे ग्लूकोज के अवशोषण में देरी होती है और रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकता है।
मेथी के मुख्य औषधीय लाभ
मेथी का सेवन गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके जीवाणुरोधी गुण पेट के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। इसके सूजन-रोधी गुण सूजन को कम करते हैं, जिससे गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
मेथी के बीज कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित करते हैं, जिससे दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों का खतरा कम होता है। मेथी में मौजूद प्रोटीन, निकोटिनिक एसिड और विटामिन सी बालों की जड़ों को मज़बूत बनाते हैं और त्वचा में प्राकृतिक चमक लाते हैं।
मेथी खाने के असरदार तरीके
एक से दो चम्मच मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी पिएँ और दानों को चबाएँ। यह पाचन और रक्त शर्करा नियंत्रण में बहुत प्रभावी है।
ताज़ी या सूखी मेथी के पत्तों को पराठे, दाल, सब्ज़ी या करी में मिलाया जा सकता है। अंकुरित बीजों में मौजूद पोषक तत्व ज़्यादा सक्रिय होते हैं और शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित होते हैं।
सूखे मेथी के दानों को पीसकर पाउडर बना लें और उसमें करेले के बीज का पाउडर मिला लें। इस मिश्रण को सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।





