O+ और O- ब्लड ग्रुप की 7 महत्वपूर्ण विशेषताएं, ये जानकारी जानकर आप भी चौंक जाएंगे…

WhatsApp Group Join Now

O+ और O- दोनों रक्त समूहों की अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं। O- रक्त समूह वाले लोग सार्वभौमिक रक्तदाता होते हैं, जबकि O+ रक्त समूह वाले लोग किसी बड़े समूह को रक्तदान कर सकते हैं।

रक्त आधान के दौरान इन दोनों समूहों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सके।

O+ और O- रक्त समूह की 7 मुख्य विशेषताएँ, जानकर आप चौंक जाएँगे:

1. O+ रक्त समूह सबसे आम है: O+ रक्त समूह दुनिया भर में सबसे आम रक्त समूह है। लगभग 37% से 45% लोग O+ रक्त समूह के होते हैं। कई जगहों पर यह रक्त समूह आधान के लिए प्राथमिक विकल्प है।

2. O- रक्त समूह एक ‘सार्वभौमिक दाता’ है: O- रक्त समूह को ‘सार्वभौमिक दाता’ कहा जाता है। इसका अर्थ है कि O- रक्त समूह वाले व्यक्ति का रक्त किसी भी अन्य रक्त समूह वाले व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है।

3. O- और O+ के बीच Rh कारक का अंतर: O- और O+ रक्त समूहों के बीच मुख्य अंतर Rh कारक है। O+ में Rh-धनात्मकता होती है, जबकि O- में Rh-ऋणात्मकता होती है। Rh कारक या रक्त में किसी ऐसे प्रोटीन की अनुपस्थिति जो रक्त के उचित आधान के लिए महत्वपूर्ण है।

4. O- रक्त समूह वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं: O- रक्त समूह वाले लोगों में, यदि उन्हें Rh-पॉज़िटिव रक्त दिया जाता है, तो उनके शरीर में एंटीबॉडीज़ बन सकती हैं, जो भविष्य में आधान के कारण गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। इसलिए, O- रक्त समूह के लिए उपयुक्त रक्त की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है।

5. O+ रक्त समूह वाले लोग अधिक लोगों को रक्तदान कर सकते हैं: O+ रक्त समूह वाले लोग O+, A+, B+ और AB+ रक्त समूह वाले लोगों को रक्तदान कर सकते हैं। इसका मतलब है कि O+ रक्तदाताओं का एक बहुत बड़ा समूह है जो दूसरों के लिए मददगार हो सकता है।

6. O- रक्त समूह वाले लोग कम: दुनिया में O- रक्त समूह बहुत दुर्लभ है। यह लगभग 2-3% आबादी में पाया जाता है। यही कारण है कि O रक्त समूह वाले रक्तदाताओं को बहुत महत्व दिया जाता है और उन्हें हमेशा रक्तदान करना आवश्यक होता है।

7. O+ और O- में माता-पिता का रक्त समूह महत्वपूर्ण है: O+ और O- रक्त समूह का वंशानुगत रक्त समूह माता-पिता के रक्त समूहों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, यदि माता-पिता में से एक का रक्त समूह O+ है और दूसरे का O- है, तो बच्चा O+ या O- हो सकता है, लेकिन यह सब आनुवंशिक विशेषताओं पर निर्भर करता है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।

WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment