पानी पीना एक आदर्श क्रिया नहीं कही जा सकती। यह एक ऐसी क्रिया है जो हम बचपन से करते आ रहे हैं। कभी-कभी यह सुनकर अजीब लगता है कि पानी पीने का कोई सही या गलत तरीका होता है। लेकिन सच तो यह है कि पानी पीने का एक सही और एक गलत तरीका होता है।
अगर पानी का सेवन सही तरीके से न किया जाए, तो यह स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। साथ ही, गलत तरीके से पानी पीने का नुकसान शरीर को उठाना पड़ता है और हम सोचते रहते हैं कि इन विभिन्न समस्याओं का कारण क्या है।
पानी पीने का सही तरीका
विशेषज्ञों का कहना है कि जवां दिखने और चेहरे पर चमक बनाए रखने के लिए पानी पीने के सिर्फ़ 4 नियमों की जानकारी होना ज़रूरी है। इन 4 नियमों से आपकी सेहत में सुधार होने लगेगा।
सुबह उठते ही पानी पिएँ।
सुबह उठते ही पानी पीने से शरीर को कई फ़ायदे हो सकते हैं। सुबह उठकर एक गिलास पानी पीने से शरीर हाइड्रेट भी रहता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। सुबह उठते ही चाय पीने की गलती न करें। इससे पेट की समस्या हो सकती है।
एक साथ पानी न पिएं
अक्सर लोग एक गिलास पानी उठाकर एक ही बार में पूरा पी जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी को धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके या चबाकर पीना चाहिए।
खाना चबाते समय पानी को मुँह में रखकर घुमाते और फिर निगलते हैं। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लार पेट में जाती है और पेट स्वस्थ रहता है।
सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याएं भी दूर होने लगती हैं। इससे कान, नाक और गले यानी ईएनटी की भी अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।
ठंडे पानी से बचें
बहुत ठंडा पानी पीने से बचना ज़रूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे कितनी भी प्यास लगे, फ्रिज का पानी न पिएँ। गर्मियों में भी, हो सके तो मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए।
खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पिएँ।
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचें। इसके बजाय, खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पिएँ। साथ ही, ध्यान रखें कि खड़े होकर पानी न पिएँ।
खड़े होकर पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप खाना खाने के बाद कुछ पीना चाहते हैं, तो दही, छाछ या शिकंजी पी सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
