स्वस्थ जीवनशैली के लिए आहार में बदलाव बेहद ज़रूरी है। इन बदलावों में अंकुरित अनाज को शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंकुरित अनाज को ‘सुपरफूड’ माना जाता है क्योंकि ये पोषक तत्वों का खजाना होते हैं।
अंकुरित अनाज के प्रमुख लाभ और पोषक तत्व
अंकुरित अनाज, खासकर मूंग और छोले, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन का बेहतरीन स्रोत हैं। इसके अलावा, ये विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होते हैं जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। अंकुरित अनाज में मौजूद विटामिन K, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
21 दिनों तक अंकुरित अनाज खाने के फायदे
1. पाचन में सुधार: अंकुरित अनाज में मौजूद एंजाइम और फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं और आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। यह कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाने में मदद करता है।
2. वजन नियंत्रण: फाइबर की उच्च मात्रा के कारण, अंकुरित अनाज पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं, जिससे आपको कम खाने की इच्छा होती है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
3. रक्त शर्करा नियंत्रण: अंकुरित अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो फायदेमंद होता है। मधुमेह रोगियों के लिए। यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है।
4. विषहरण: हरे अंकुरित दानों में मौजूद क्लोरोफिल शरीर को प्राकृतिक रूप से विषहरण करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह हीमोग्लोबिन की मात्रा में सुधार करके शरीर में ऑक्सीजन का उचित प्रवाह बनाए रखता है।
5. त्वचा और बुढ़ापा: अंकुरित अनाज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, जिससे त्वचा जवां और स्वस्थ रहती है।
अंकुरित अनाज का सेवन कैसे करें?
आप अपने दैनिक आहार में एक छोटा कटोरा अंकुरित अनाज शामिल कर सकते हैं। इसे कच्चा, सलाद के रूप में या हल्का पकाकर भी खाया जा सकता है। नाश्ते में अंकुरित अनाज खाने से आपको पूरे दिन ऊर्जा मिलती है। यह एक सरल लेकिन बेहद प्रभावी आहार है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।