इंडिया न्यूज़ (भारत समाचार), बेर के पत्तों के फायदे: धातु रोग उन पुरुषों में होता है जो संभोग या यौन उत्तेजना के बिना स्खलित हो जाते हैं। यह एक यौन समस्या है, जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। धातु रोग के लक्षण
- थकान और ऊर्जा की कमी
- कमज़ोरी
- शीघ्रपतन और यौन उत्तेजना की कमी
- चिंता और अवसाद
- की कमी आत्मविश्वास
- अनिद्रा और भूख न लगना
- वजन घटना
धातु रोगों के कारण
- अत्यधिक तनाव या मानसिक दबाव
- पोषण की कमी
- शारीरिक कमज़ोरी
- अत्यधिक हस्तमैथुन
- अनियमित नींद और खान-पान
श्वेत जल की समस्या (ल्यूकोरिया) ल्यूकोरिया, जिसे योनि स्राव या श्वेत स्राव भी कहा जाता है, महिलाओं में एक आम समस्या है। महिलाओं में। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन या संक्रमण के कारण हो सकती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- थकान और कमज़ोरी
- यौन इच्छा में कमी
- योनि में सूजन या खुजली
- दुर्गंधयुक्त स्राव
ल्यूकोरिया के कारण
- बैक्टीरियल, फंगल या वायरल संक्रमण
- हार्मोनल असंतुलन (मासिक धर्म, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति)
- पोषक तत्वों की कमी (विटामिन A, C और ज़िंक)
- तनाव और अनियमित दिनचर्या जीवनशैली
- दीर्घकालिक रोग (एनीमिया, मधुमेह)
आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू उपचार
- छोटे देशी बेर के पत्तों को अच्छी तरह धो लें।
- इसे मिक्सर या ओखल में पीसकर चटनी बना लें।
- इस चटनी को सुबह और शाम भोजन के साथ लें।
- यह चटनी धातु रोग और प्रदर दोनों के लिए रामबाण मानी जाती है।
योग और जीवनशैली में बदलाव योगासन: भुजंगासन और पश्चिमोत्तानासन जैसे आसन यौन क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। संतुलित आहार: सूखे मेवे, दूध, अदरक, इलायची और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें। नियमित व्यायाम: शारीरिक और मानसिक शक्ति बनाए रखने के लिए व्यायाम करें। अनावश्यक उत्तेजना से बचें।
सफेद पानी की समस्या का समाधान
- दही और फल खाएँ।
- मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें।
- हार्मोन संतुलन के लिए योग और ध्यान करें।
- संक्रमण से बचने के लिए योनि की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- समय पर ध्यान देने से धात्विक रोग और प्रदर दोनों ठीक हो सकते हैं।
- आयुर्वेदिक उपचारों और जीवनशैली में बदलाव से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर समस्या गंभीर है, तो किसी विशेषज्ञ से ज़रूर सलाह लें।
