नाक के पॉलिप्स एक आम समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित होते हैं। इस स्थिति में, नाक के अंदर मांसल या हड्डी जैसी वृद्धि हो जाती है। इसके कारण, पीड़ित को सांस लेने में तकलीफ, नाक बंद होना, साइनस का संक्रमण और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। नाक में मांस बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। सर्दियों में यह समस्या बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, धूल, धुएँ या परागकणों से एलर्जी, बार-बार साइनस का संक्रमण, अस्थमा या एलर्जिक राइनाइटिस।
कभी-कभी यह समस्या अनुवांशिक भी होती है। नाक के मांस के बढ़ने से साँस लेने में कठिनाई होती है और साँस लेते समय सीटी जैसी आवाज़ सुनाई देती है। आयुर्वेद चिकित्सक इरफान के अनुसार, अगर आपकी नाक का मांस या नाक की हड्डी 10 साल से 70 साल के बीच किसी भी उम्र में बढ़ी है, तो यह समस्या हो सकती है। नाक का मांस या हड्डी केवल एक तरफ ही बढ़ती है और एक तरफ से साँस लेने में कठिनाई होती है। -नाक के मांस या हड्डी के बढ़ने के लक्षण
- नाक से साँस लेने में कठिनाई
- सिरदर्द या चेहरे पर दबाव
- बार-बार साइनस का संक्रमण
- सांस लेने की क्षमता में कमी गंध
- नाक से आवाज़ आना या खर्राटे आना
किन सामग्रियों की आवश्यकता होगी?
- अर्जुन छाल 50 ग्राम
- अश्वगंधा 50 ग्राम
- नौशादर 20 ग्राम
घर पर दवा कैसे बनाएँ?
- अर्जुन की छाल, अश्वगंधा और नौसादर को बारीक पीस लें।
- इस चूर्ण को एक डिब्बे में रखें
- ध्यान रखें कि इसे हवा और नमी से बचाकर रखें
कैसे सेवन करें?
- डॉक्टर ने इस चूर्ण को 2 ग्राम की खुराक में लेने को कहा है।
- दो ग्राम सुबह खाली पेट और शाम को पानी के साथ लें।
बढ़ी हुई नाक 15 दिन में ठीक हो जाएगी। डॉक्टर ने बताया कि इस चूर्ण के नियमित सेवन से सिर्फ़ 15 दिन में बड़ी नाक ठीक हो जाएगी। इतना ही नहीं, कुछ ही दिनों में नाक की बड़ी हड्डी भी ठीक हो जाएगी।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।