शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करना बेहद ज़रूरी है। अगर इसे सही समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह हमारे हृदय स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। इसे कम करने के लिए आप हेल्दी जूस का सेवन कर सकते हैं। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते। अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी आम हो गई है।
जब यह बढ़ता है, तो इसके कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते, जिससे इस समस्या का पता बहुत देर से चलता है। ऐसे में आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ाता है। इसलिए, हमारे लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाना ज़रूरी हो जाता है। अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है।
सीने में दर्द, मोटापा, पैरों में दर्द जैसे लक्षण इसके लक्षण के रूप में देखे जा सकते हैं। इसलिए आज हम आपको ऐसे पेय पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मेथी का पानी
मेथी के दानों में अच्छी मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करते हैं। एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के दाने रात भर भिगो दें।
पानी को छानकर सुबह खाली पेट पिएँ। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहेगा। इसके अलावा, इसे पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलेगी।
-ग्रीन टी
ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। इसे पीने से हृदय स्वस्थ रहता है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वजन को भी नियंत्रित रखता है।
आंवला जूस
आंवले में विटामिन सी और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। यह लिवर और दिल दोनों को स्वस्थ रखता है। सुबह खाली पेट ताज़ा आंवले का जूस पिएं। आप इसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे इम्यून सिस्टम भी मज़बूत होता है।
लहसुन का पानी
लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके लिए, लहसुन की 1 से 2 कलियों को पानी में उबालें या पीसकर गर्म पानी में मिलाकर सुबह पिएं। यह कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
टमाटर का रस
टमाटर में लाइकोपीन नामक यौगिक होता है। यह शरीर में लिपिड के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में, अगर आप टमाटर का रस पीते हैं, तो यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, टमाटर के रस में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला फाइबर और नियासिन भी होता है।
संतरे का रस
संतरे का रस विटामिन सी और फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है और फ्लेवोनॉयड्स रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
गाजर का जूस
गाजर का जूस बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। बीटा कैरोटीन कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। गाजर का जूस पीने से आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।
अदरक का रस
अदरक के रस में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। अदरक का रस पीने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
सेब का रस
सेब के रस में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है।
इस रस को अपने आहार में शामिल करके, आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखें
इन पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
स्वस्थ आहार लें और व्यायाम करें।
यदि आप किसी भी प्रकार की दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
जूस पीने से आपको कई लाभ हो सकते हैं:
– कोलेस्ट्रॉल कम करता है
– हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है
– रक्त वाहिकाएँ स्वस्थ होती हैं
– पाचन तंत्र बेहतर होता है
– शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है
इन सुझावों को ध्यान में रखकर, आप जूस पीने के लाभों का आनंद ले सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
