पैरों में सूजन एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। पैरों में सूजन शरीर में असंतुलन, खराब रक्त संचार या कुछ बीमारियों के कारण हो सकती है। अगर आप इसे नज़रअंदाज़ करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। अक्सर लोग इसे हल्के में लेते हैं और नज़रअंदाज़ कर देते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि किन बीमारियों के कारण पैरों में सूजन आ सकती है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।
पैरों में सूजन के संभावित कारण(1) गुर्दे की बीमारी: अगर गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है। यह समस्या क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों में ज़्यादा आम है।(2) हृदय संबंधी समस्याएँ: अगर हृदय रक्त का संचार ठीक से नहीं कर पाता, तो पैरों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। हार्ट फेलियर या कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी स्थितियाँ इस सूजन का कारण बन सकती हैं।(3) यकृत रोग: यकृत की समस्याएँ शरीर में प्रोटीन के स्तर को कम कर सकती हैं, जिससे पैरों में सूजन बढ़ सकती है। यह लक्षण यकृत सिरोसिस या अन्य यकृत रोगों में देखा जा सकता है।(4) थायरॉइड की समस्याएँ: हाइपोथायरायडिज्म शरीर में पानी के असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे पैरों में सूजन आ सकती है।(5) मधुमेह: मधुमेह के रोगियों को खराब रक्त प्रवाह के कारण पैरों में सूजन, जलन या अल्सर होने का खतरा होता है। सूजन कैसे कम करें?
नमक का सेवन कम करें, क्योंकि ज़्यादा नमक शरीर में पानी जमा होने का कारण बनता है।
रक्त संचार को सही बनाए रखने के लिए व्यायाम करें और शरीर को सक्रिय रखें।
पैरों को ऊपर उठाकर रखें, ताकि रक्त संचार अच्छा रहे।
अगर सूजन बनी रहे या दर्द बढ़े, तो डॉक्टर से सलाह लें।
शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पिएँ।
अगर आपके पैरों में बार-बार सूजन आती है, तो इसे हल्के में न लें। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएँ ताकि आप स्वस्थ रह सकें।अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।