गर्मियों में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर गर्मियों में लोग ठंडे और तरल पदार्थों का सेवन ज़्यादा करते हैं, ताकि शरीर ठंडा रहे और डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
ऐसे में छाछ को सेहत के लिए अमृत माना जाता है। यह न सिर्फ़ पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर को ठंडक और ऊर्जा भी प्रदान करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छाछ पीना कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है?
आयुर्वेद विशेषज्ञ किरण गुप्ता के अनुसार, छाछ स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है, लेकिन कुछ शारीरिक स्थितियों में छाछ का सेवन शरीर में गर्मी की बजाय गैस, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
एलर्जी से पीड़ित लोगों को छाछ पीने से बचना चाहिए
छाछ ठंडी होती है और इसमें मौजूद लैक्टोज़ साइनस, बलगम और एलर्जी की समस्याओं को बढ़ा सकता है। ऐसे लोगों को छाछ पीने के बाद गले में खराश, नाक बहना या खांसी हो सकती है। ऐसे में एलर्जी की समस्या से पीड़ित लोगों को छाछ के सेवन से बचना चाहिए।
पेट में गैस या एसिडिटी
छाछ को अक्सर पाचन के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह उल्टा भी पड़ सकता है। अगर किसी को गैस, एसिडिटी या गंभीर अपच है, तो छाछ उनके लिए और भी ज़्यादा पेट में जलन पैदा कर सकता है। इसके सेवन से समस्या और बढ़ सकती है।
लैक्टोज़ असहिष्णुता
छाछ दूध से बनता है और लैक्टोज़ असहिष्णुता वाले लोगों को पेट दर्द, दस्त, उल्टी और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे लोगों को दूध और दूध से बने व्यंजन खाने से बचना चाहिए।
गठिया या जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोग
गठिया के रोगियों को छाछ, दही आदि जैसे ठंडे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये चीजें शरीर में वात बढ़ाती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
एक्ज़िमा से पीड़ित लोग
छाछ में मौजूद कुछ बायोएक्टिव यौगिक त्वचा की एलर्जी या एक्ज़िमा से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। छाछ इन लोगों में एलर्जी पैदा कर सकती है। इससे खुजली, लालिमा और सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।