इस संबंध में एक शोध में भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ‘ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट’ पत्रिका की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 45 सालों में पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में आधे से भी ज़्यादा की गिरावट आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इसमें और भी कमी आ सकती है, जो चिंता का विषय है। इसके एक नहीं, बल्कि कई कारण हो सकते हैं।
इसके लिए कुछ बीमारियाँ भी ज़िम्मेदार हो सकती हैं। ऐसे में, आइए जानें कि कौन सी बीमारी शुक्राणुओं की संख्या में कमी का कारण बन रही है।
अंतर्स्त्रावी तंत्र को नुकसान पहुँचाने वाले रसायन भोजन और हवा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, जिनकी अधिकता अन्य हार्मोनों को प्रभावित करती है।
मोटापा और खराब खान-पान भी इसके कारणों में से एक हैं, जबकि अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन भी प्रजनन क्षमता की समस्याओं का कारण बनता है।
जब पुरुष शरीर में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन असंतुलित हो जाता है, तो शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। शुक्राणुओं के आनुवंशिक रोग, गुप्तांगों में संक्रमण, यौन रोग गोनोरिया भी शुक्राणुओं की संख्या कम होने का कारण बन सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।