आज के समय में अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वर्ष 2021 में दुनिया भर में लगभग 57 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित थे और हर साल लगभग दस लाख नए मामले सामने आते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कमज़ोर होने लगती है। अच्छे जीवन के लिए मज़बूत याददाश्त ज़रूरी है। न्यूरोलॉजिस्ट कुछ चीज़ें न देने की सलाह देते हैं।
एयर फ्रेशनर
घर में अच्छी खुशबू लाने के लिए एयर फ्रेशनर सबसे कारगर होते हैं। ये हवा में वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOCs) छोड़ते हैं जो साँस के ज़रिए हमारे शरीर में पहुँचकर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। यह ख़ास तौर पर एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है।
सुगंधित मोमबत्तियाँ
अगली पंक्ति सुगंधित मोमबत्तियों की है। पैराफिन मोम और सिंथेटिक सुगंधें जलने पर टोल्यूनि जैसे हानिकारक रसायन छोड़ती हैं, जो सीधे हमारे तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
लव का सुझाव है कि अगर आपको मोमबत्तियाँ जलानी ही हैं, तो मोम से बनी मोमबत्तियों का इस्तेमाल करें और उनमें प्राकृतिक आवश्यक तेल मिलाएँ।
नॉन-स्टिक कुकवेयर
सबसे चौंकाने वाला ख़तरा नॉन-स्टिक पैन या कड़ाही है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले टेफ्लॉन कोटेड बर्तनों को ज़्यादा गर्म करने या खरोंचने पर उनमें से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं जो खाने के ज़रिए हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं।
ये फ्लोराइड यौगिक मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकते हैं। लव इसके बजाय स्टेनलेस स्टील, सिरेमिक या टाइटेनियम के बर्तनों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।