मानसून के मौसम में नमी और अस्वास्थ्यकर वातावरण के कारण पेट की बीमारियाँ तेज़ी से फैलती हैं। गलत पानी और अस्वास्थ्यकर भोजन करने की गलती से फ़ूड पॉइज़निंग, उल्टी, दस्त और गैस जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं।
ऐसे में शरीर कमज़ोर हो जाता है और पाचन तंत्र पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है। हालाँकि तुरंत डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपायों से प्राथमिक राहत मिल सकती है।
-1-द-दमन-च-लथ-बुन-ल-च”>1. अनार की छाल से बनी चाय
अनार के छिलके में पाचक और संक्रमण-रोधी गुण होते हैं। अनार के सूखे छिलके को 1 गिलास पानी में उबालें, छान लें और इस पानी को कुछ देर तक पीते रहें। यह चाय दस्त और पेट के संक्रमण से तुरंत राहत दिलाती है।
-2-ज-र-उन-आजम-न-उक-ल”>2. जीरा और अजमा का काढ़ा
जीरा और अजमो (अजमो) पाचन के लिए सर्वोत्तम माने जा सकते हैं। 1 गिलास पानी में 1 चम्मच जीरा और 1 चम्मच अजवाइन उबालकर गरमागरम पिएँ। इससे पेट की अग्नि शांत होती है और गैस व दर्द से राहत मिलती है।
3. पुदीना-धनिया जूस
ताज़ा पुदीना और हरा धनिया पीसकर जूस बना लें। भोजन के बाद या पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा करके पिएँ। यह जूस शरीर को ठंडक पहुँचाता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे उल्टी-दस्त से राहत मिलती है।
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अतिरिक्त सुझाव:
- चावल, रोटी या अन्य भारी अनाज से बचें और पेट को आराम दें।
- पर्याप्त पानी पिएँ। ताज़ा उबला हुआ पानी बेहतर होता है।
- हल्का भोजन करते समय दही या छाछ भी ली जा सकती है।
- अगर समस्या 24 घंटे से ज़्यादा समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।