मोबाइल फ़ोन आज ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन गए हैं। लोग सोते-जागते, बैठते-बैठते, किचन से लेकर बाथरूम तक, हर समय अपने साथ मोबाइल फ़ोन रखते हैं। आप में से ज़्यादातर लोग रोज़ाना यह गलती करते होंगे।
लेकिन यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इसके नुकसान, फ़ोन से मिलने वाले अपडेट और चैट से कहीं ज़्यादा हैं, जिन्हें आप इतना ज़रूरी समझते हैं। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, ब्रिटेन में 60 प्रतिशत लोग शौचालय में बैठकर अपने स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल करते हैं।
टेक्स्ट नेक क्या है?
टेक्स्ट नेक एक प्रकार का पुराना दर्द और सूजन है जो गर्दन के मुड़ने से होता है। यह स्थिति तब होती है जब लोग लंबे समय तक गलत कोण पर सिर झुकाकर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब हम शौचालय में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो हमारी गर्दन एक अप्राकृतिक कोण पर मुड़ जाती है, जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है।
रीढ़ की हड्डी पर एक सेंसर लगाकर जाँच की जाती है।
इस अध्ययन के लिए, चीन के ग्वांगझू स्थित सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 30 युवाओं को शामिल किया और उनकी गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी पर सेंसर लगाए। पहले इन लोगों को दस मिनट तक हमेशा की तरह शौचालय पर बैठने को कहा गया और फिर यही प्रयोग स्मार्टफोन के साथ दोहराया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब लोग फोन का इस्तेमाल करते थे, तो उनकी गर्दन 48 डिग्री के कोण पर मुड़ी होती थी, जबकि फोन का इस्तेमाल न करने पर यह केवल 28 डिग्री के कोण पर मुड़ी होती थी। यह स्थिति शरीर, खासकर रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डालती है और अगर यह लंबे समय तक बना रहे तो दर्द और सूजन का कारण बन सकती है।
टेक्स्ट नेक और इसके प्रभाव
वैज्ञानिकों के अनुसार, जब सिर 30 डिग्री के कोण पर मुड़ा होता है, तो सिर का वजन 18 किलोग्राम (39 पाउंड)। अगर हम गर्दन को 45 डिग्री के कोण पर मोड़ें, तो यह दबाव बढ़कर 22 किलोग्राम (48 पाउंड) हो जाता है, जो सात साल के बच्चे के बराबर है। यह दबाव हमारे शरीर में दर्द और गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है।
अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरे
सिर्फ़ ‘टेक्स्ट नेक’ ही नहीं, शौचालय में स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ भी हो सकती हैं। कुछ शोधों में पाया गया है कि स्मार्टफ़ोन टॉयलेट सीट से भी ज़्यादा गंदे हो सकते हैं क्योंकि वे बाथरूम में मौजूद बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं। इसके अलावा, शौचालय पर झुककर बैठने से भी बवासीर का ख़तरा बढ़ सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
