तंत्रिकाओं के विभिन्न रोगों को चिकित्सकीय भाषा में न्यूरोपैथी कहा जाता है। इसमें शरीर के कुछ हिस्सों की नसें कमज़ोर या निष्क्रिय हो जाती हैं।
कभी-कभी यह समस्या कुछ समय के लिए रहती है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्थायी भी हो सकती है। ये नसें उन अंगों को भी प्रभावित करती हैं जिनसे ये जुड़ी होती हैं। कभी-कभी वह अंग ठीक से काम नहीं कर पाता।
तंत्रिका तंत्र में कमज़ोरी कुछ बीमारियों या पोषण की कमी या जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं के कारण हो सकती है। शरीर में कुछ विटामिनों की कमी से तंत्रिका तंत्र कमज़ोर हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से जाँच ज़रूर करवाएँ। दवा और थेरेपी से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
-काय-व-त-म-नॉन-अनप-च-त-ना-नबल-प-द-च”>किस विटामिन की कमी से तंत्रिकाएँ कमज़ोर होती हैं?
तंत्रिकाओं की कमज़ोरी पूरे शरीर और कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इसका मुख्य कारण शरीर में विटामिन बी की कमी माना जाता है। शरीर में विटामिन 12 की कमी से तंत्रिकाएँ कमज़ोर हो जाती हैं।
विटामिन बी1, बी6 और बी12 तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। विटामिन बी1 (थायमिन) कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित करता है और तंत्रिका कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है। विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
-प-स-त-ऑफ-सन-य-जन-व-र-श-क-र-399-र-क-न-पर-मलश-र-10-ल-ख-स-ध-न-ल-भ-ज-न-क-व-र-ट”>डाकघर योजना: सालाना 399 रुपये के निवेश से मिलेंगे 10 लाख रुपये तक, जानें कैसे?
विटामिन बी12 (कोबालामिन) नसों में शिथिलता की समस्या से राहत दिलाता है। विटामिन बी9, जिसे फोलेट भी कहा जाता है, नसों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। नसों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
-ch-t-na-nabal-i-d-r-karav-m-t-sh-kh-v”>तंत्रिका दुर्बलता दूर करने के लिए क्या खाएं?
अपनी नसों को मज़बूत बनाने के लिए, अपने आहार में विटामिन बी और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। इसके लिए, अपने आहार में मछली, ब्राउन ब्रेड, साबुत अनाज, सब्ज़ियाँ, दूध, ब्राउन राइस, पनीर, अंडे की जर्दी, बीन्स, दूध और डेयरी उत्पाद शामिल करें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।