गोंद दो प्रकार के होते हैं। सर्दियों में मिलने वाला गोंद शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। उस गोंद का इस्तेमाल कलछी बनाने में किया जाता है। गर्मियों में गोंद की एक और किस्म, गोंद कतीरा, का इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारे शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इसके सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है। हालाँकि, इसके सही इस्तेमाल की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि गलत सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानते हैं गोंद कतीरा के फायदों और इसे इस्तेमाल करने के सही तरीकों के बारे में।
दरअसल, सोशल मीडिया पर लोगों के बीच कई वायरल वीडियो ट्रेंड कर रहे हैं, जो गोंद कतीरा के फायदों के बारे में तो बताते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए। कहते हैं कि अधूरी जानकारी कभी सही नहीं होती। चाहे वह स्वास्थ्य संबंधी मामलों के लिए ही क्यों न हो। गोंद कतीरा सोशल मीडिया के ज़रिए ही लोगों तक पहुँचा है। इसलिए लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं।गोंद कतीरा के फायदेगर्मियों में गोंद कतीरा खाने के कई फायदे हैं। इसे प्राकृतिक शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। गोंद कतीरा एक पारदर्शी और जेली जैसा पदार्थ होता है। इसका कोई स्वाद या गंध नहीं होती।(1) शरीर को ठंडक पहुँचाता है गर्मियों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे चक्कर आना, निर्जलीकरण और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह हमारे शरीर को ठंडा रखता है और लू लगने से बचाता है।(2) निर्जलीकरण से बचाव गर्मियों में गोंद कतीरा शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे पसीने के कारण होने वाली पानी की कमी को रोका जा सकता है।(3) पाचन में सहायक गोंद कतीरा कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। गर्मियों में पाचन क्रिया बेहतर होती है। गोंद कतीरा में प्राकृतिक फाइबर होता है जो पेट साफ़ रखने में मदद करता है।(4) त्वचा और बालों के लिए फ़ायदेमंद यह त्वचा को नमीयुक्त रखता है और बालों के विकास में भी मदद करता है। आयुर्वेद में, गोंद कतीरा गर्मियों के लिए एक अच्छा शीतलता प्रदान करने वाला विकल्प माना जाता है।(5) ऊर्जा बढ़ाएँ गर्मियों में गोंद कतीरा शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। इस मौसम में आलस्य, कमज़ोरी और थकान की समस्याएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में इसका रोज़ाना सेवन शरीर में ऊर्जा के स्रोत को बढ़ाता है।गोंद कतीरा क्या है?यह कुछ खास तरह के पेड़ों के तनों से प्राप्त एक प्राकृतिक गोंद है। सूखने पर यह सख्त हो जाता है। पानी में भिगोने से यह फूलकर जेली जैसा हो जाता है। इसका कोई खास स्वाद नहीं होता, लेकिन इसके कई फायदे हैं।किसे कितना खाना चाहिए?
गर्मी से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी, डिहाइड्रेशन या शरीर में गर्मी से पीड़ित वयस्कों को इसका सेवन करना चाहिए।
5 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को बहुत कम मात्रा में देना चाहिए।
किसे इससे बचना चाहिए?
कम रक्तचाप वाले लोगों को इससे बचना चाहिए।
जिन्हें बार-बार सर्दी-ज़ुकाम, साइनस की समस्या या पाचन तंत्र खराब रहता है।
प्रसवोत्तर महिलाएं जो शुरुआती 40 दिनों की रिकवरी अवधि में हैं, उन्हें भी इसे नहीं खाना चाहिए।
गुर्दे की बीमारी वाले लोग।
रक्त पतला करने वाली दवाएं लेने वाले सभी लोग।
एक दिन में कितना गोंद कतीरा खाना चाहिए? हर किसी को रोज़ाना सिर्फ़ 1 ग्राम गोंद कतीरा खाना चाहिए। क्योंकि यह अपने आकार से 10 गुना तक फूल जाता है और थोड़ी सी मात्रा भी शरीर को ठंडक और पोषण दे सकती है। 1 ग्राम गोंद कतीरा की सिर्फ़ 1 या 2 गुठली के बराबर होता है।कैसे सेवन करें?1 ग्राम (1 छोटा टुकड़ा) गोंद कतीरा को रात भर 200 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। इसे नींबू पानी या ठंडे दूध/मिठाई के ऊपर डालकर सेवन करें।क्या न करें?
इसे सूखा न खाएँ।
अनुशंसित मात्रा से ज़्यादा न खाएँ क्योंकि इससे पेट फूल सकता है या दस्त हो सकते हैं।
सर्दियों या ठंडे मौसम में इसका इस्तेमाल करने से बचें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।