घी को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में देसी घी का इस्तेमाल न सिर्फ़ खाने में, बल्कि औषधि के रूप में भी किया जाता है। इसमें ज़रूरी फैटी एसिड के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक वसा, विटामिन A, D, E और K और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।
गौरतलब है कि प्रोसेस्ड तेलों की तुलना में घी में शॉर्ट-चेन और मीडियम-चेन फैटी एसिड होते हैं जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ावा देते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या घी बच्चों के लिए फायदेमंद है या नहीं और किस उम्र में बच्चों को घी खिलाना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, देसी घी में कई ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों के विकास के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। जन्म के 6 महीने बाद बच्चों को घी खिलाया जा सकता है। आप देसी घी में बेबी फ़ूड बना सकते हैं। आइए जानें कि घी को बच्चों के लिए एक बेहतरीन फ़ूड क्यों माना जाता है।
पोषक तत्वों से भरपूर
घी में वसा में घुलनशील विटामिन A, D, E और K होते हैं, जो हड्डियों की मजबूती, रोग प्रतिरोधक क्षमता और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
ऊर्जा वर्धक
तेज़ विकास के कारण, बच्चों को वयस्कों की तुलना में कहीं अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए घी उनकी गतिविधियों के लिए तुरंत ऊर्जा वर्धक का काम करता है।
मस्तिष्क के विकास में सहायक
घी में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड मस्तिष्क के विकास और याददाश्त में सुधार में मदद करते हैं।
पाचन में सुधार
घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
बच्चों को घी कैसे और कितना खिलाएँ?
1-9 महीने के बच्चों के लिए दिन में दो बार आधा चम्मच। एक साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए, दिन में दो बार एक चौथाई चम्मच।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
