क्या आप भी घंटों बिस्तर पर करवटें बदलते रहते हैं? या आपकी नींद में खलल पड़ता है? ज़्यादातर लोग इसके लिए तनाव, थकान या मोबाइल स्क्रीन को ज़िम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन असल वजह कभी-कभी हमारे शरीर में ज़रूरी विटामिन और मिनरल की कमी होती है।
नींद एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन सही पोषण भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि आरामदायक बिस्तर। विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी, बी12 और मैग्नीशियम की कमी नींद की गुणवत्ता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है।विटामिन डी – नींद चक्र नियामक सूर्य के प्रकाश से प्राप्त विटामिन डी शरीर की नींद के पैटर्न को नियंत्रित करता है। इसकी कमी से थकान, सुस्ती और अनिद्रा जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। जो लोग ज़्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं या जिन्हें धूप नहीं मिलती, उन्हें यह समस्या ज़्यादा होती है।विटामिन बी12 – मस्तिष्क और हार्मोन के लिए ज़रूरी विटामिन बी12 हमारे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को सक्रिय रखता है। इसकी कमी से मेलाटोनिन हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे सोने में कठिनाई हो सकती है या रात में बार-बार आँखें खुल सकती हैं।मैग्नीशियम – विश्राम का खजाना यह भले ही विटामिन न हो, लेकिन एक महत्वपूर्ण खनिज है। मैग्नीशियम शरीर और मन को आराम पहुँचाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में तनाव और मन में बेचैनी बढ़ सकती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है।इस कमी की पूर्ति कैसे करें?
रोज़ाना 15-20 मिनट धूप में रहें और दूध, अंडे, मशरूम खाएँ।
दही, दूध, मछली, अंडे और हरी सब्ज़ियाँ विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं।
मैग्नीशियम के लिए बादाम, अखरोट, केले और बीन्स का सेवन करें।
ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लें।
अतिरिक्त सुझाव: सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें, कैफीन से बचें, हल्का भोजन करें और ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें। याद रखें, लगातार अनिद्रा को नज़रअंदाज़ न करें। यह न केवल थकान का संकेत हो सकता है, बल्कि शरीर में पोषण की कमी का भी संकेत हो सकता है।अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी यह केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।