पैरों के तलवों में अक्सर सूजन क्यों रहती है? ये 5 कारण आपकी सेहत बिगाड़ सकते हैं!

WhatsApp Group Join Now

गर्मी का मौसम शुरू होते ही शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस होने लगते हैं। कभी तेज़ धूप तो कभी उमस भरा मौसम, ये दोनों मिलकर धीरे-धीरे हमारी सेहत पर असर डालने लगते हैं। जहाँ डिहाइड्रेशन, लू और हीट रैशेज़ आम हो जाते हैं, वहीं कई लोगों को पैरों में जलन की शिकायत भी होने लगती है।

 अगर यह सूजन थोड़े समय के लिए हो, तो माना जा सकता है कि यह गर्मी या थकान की वजह से है। लेकिन अगर यह समस्या रोज़ाना, खासकर रात में होती है और नींद में खलल डालती है, तो आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बर्निंग फीट सिंड्रोम क्या है? जब पैरों के तलवों में लगातार जलन, खुजली या सुन्नपन रहता है और रात में अक्सर यह समस्या बढ़ जाती है, तो इस स्थिति को बर्निंग फीट सिंड्रोम कहते हैं।
यह सामान्य थकान नहीं, बल्कि शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ होने का एक संभावित संकेत है। अक्सर यह समस्या बुज़ुर्गों में देखी जाती है, लेकिन आजकल युवा भी इससे जूझते नज़र आ रहे हैं।
इसके मुख्य लक्षण क्या हैं? पैरों में जलन सिंड्रोम के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। शुरुआत में हल्की सूजन महसूस होती है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है:
  • लगातार जलन और तलवों में सुई जैसे चीरे
  • पैरों में भारीपन या झुनझुनी
  • रात में सूजन और दर्द बढ़ जाता है
  • तलवों का लाल होना और गर्मी का एहसास
इसके पीछे के कारण जानें डायबिटिक न्यूरोपैथी अगर आप मधुमेह के मरीज हैं, तो यह समस्या आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह नसों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पैरों में सूजन, सुन्नता और दर्द होता है।
पोषक तत्वों की कमी विटामिन B12, B6 और फोलेट की कमी भी इस समस्या का एक प्रमुख कारण है। जब शरीर इन पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, तो तंत्रिका क्षति की संभावना बढ़ जाती है।
फंगल संक्रमण एथलीट फुट (टिनिया पेडिस) एक आम फंगल संक्रमण है जो पैरों के तलवों में सूजन और खुजली का कारण बनता है।
हार्मोनल परिवर्तन रजोनिवृत्ति और गर्भावस्था के दौरान, शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, जो शरीर के तापमान को प्रभावित करते हैं और पैरों में गर्मी का एहसास कराते हैं। आराम पाने के आसान तरीके पैरों में जलन सिंड्रोम का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय इससे राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
  • अगर विटामिन की कमी हो, तो डॉक्टर से सलाह लें और सप्लीमेंट लेना शुरू करें।
  • रोज़ाना सोने से पहले अपने पैरों को 15 मिनट तक ठंडे पानी में भिगोएँ। इससे नसों को आराम मिलेगा।
  • अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment