माता-पिता बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत अनुभव है, लेकिन इस ज़िम्मेदारी के साथ कई नई चुनौतियाँ भी आती हैं। खासकर तब जब बच्चा रात में बार-बार रोने लगे और लाख कोशिश करने के बाद भी आप समझ न पाएँ कि उसे क्या हुआ है। ऐसी स्थिति में चिंता होना स्वाभाविक है। “क्या उसे कोई दर्द हो रहा है?”, “क्या उसे भूख लगी है?”, “क्या उसने कोई बुरा सपना देखा है?” हर बच्चा अपने दर्द, भूख, घबराहट या बेचैनी को ज़ाहिर करने के लिए अपने तरीके से रोता है, क्योंकि वह अभी बोल नहीं सकता।
लेकिन अगर आपका बच्चा रात में लगातार रोता है, तो यह कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई गहरा कारण हो सकता है। -bh-kh-l-gav-k-p-t-bhar-l-na-l-gav”>भूख लगना या पेट न भरा होना शिशु का पेट अक्सर खाली रहता है, खासकर नवजात शिशु को हर 3 घंटे में दूध की ज़रूरत होती है। अगर शिशु सोते समय भूखा हो, तो वह बेचैन हो जाता है और रोने लगता है।
- बच्चा अपना मुँह हिलाने की कोशिश करता है
- मुँह में उंगलियाँ डालने लगता है
- रोते समय चूसने जैसा मुँह बनाता है
गैस या पेट दर्द छोटे बच्चों में गैस बनना एक आम समस्या है, जिससे उन्हें रात में पेट में ऐंठन होती है। वह इसे बयां नहीं कर पाता, बस रोता रहता है।
- बच्चा ज़ोर-ज़ोर से रोता है और उसका शरीर अकड़ जाता है
- पैर पेट की ओर मुड़ जाते हैं
- रोते समय चेहरा लाल हो जाता है
गीला डायपर या दाने गीले डायपर, खरोंच या दाने शिशु को बहुत असहज कर सकते हैं, जिससे वह नींद में ही जागकर रोने लगता है।
- डायपर बदलने के बाद बच्चा शांत हो जाता है
- छालों को छूने से बच्चा रोने लगता है।
नींद में डर लगना 3 महीने से बड़े बच्चों में, नींद में डर या बुरे सपने आना भी एक कारण हो सकता है। यह अस्थायी होता है और कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है।
- बच्चा आँखें बंद करके रोता है
- जब उसे गोद में उठाया जाता है, तो वह कुछ ही मिनटों में शांत हो जाता है।
बहुत गर्म या ठंडा अगर आपके बच्चे का कमरा बहुत ठंडा या बहुत गर्म है, या अगर उसने ज़्यादा कपड़े पहने हैं या कम, तो वह असहज महसूस कर सकता है और रोना शुरू कर सकता है।
- कमरे का तापमान नियंत्रण में रखें
- हल्के, आरामदायक कपड़े पहनें
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।